Kamal Haasan on Hindi language: साउथ सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और MNM पार्टी के प्रमुख कमल हासन आए दिन अपने बयानो के चलते सुर्खियों में बने रहते है, कुछ दिन पहले उन्होंने कन्नड़ भाषा को लेकर विवादपूर्ण बयान दिया था उन्होंने कहा था कि – कन्नड़ भाषा तमिल से जन्मी है। और अब उन्होंने हिंदी भाषा को गैर-हिंदी भाषी राज्यों में थोपने के खिलाफ खुलकर बात की।
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कमल हासन ने भाषा पर मजाकिया अंदाज में अपनी राय देते हुए कहा कि, मैं पंजाब के साथ खड़ा हूं। हालांकि आगे उन्होंने संजीदगी से कहा, “मैं पंजाब, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के साथ खड़ा हूं। यह सिर्फ तमिलनाडु की बात नहीं है, बल्कि हिंदी थोपने का विरोध कई जगह हो रहा है।”
कमल का सुझाव…
“हमारे पास 350 साल की अंग्रेजी शिक्षा का इतिहास है। जो धीरे-धीरे लेकिन लगातार चली आ रही है। जब आप अचानक इसे बदलते हैं, तो आप बेवजह कई लोगों को अनपढ़ बना देंगे। अगर आप तमिलनाडु में अचानक हिंदी में सबकुछ करने के लिए मजबूर करते हैं और आप उन्हें बताते हैं कि हिंदी के बिना विंध्याचल के पार नौकरी नहीं मिलेगी”
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आगे कहा कि….
तो लोग सवाल उठाएंगे कि मेरी भाषा का क्या? क्या मैं 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक का हिस्सा नहीं हूं?” कमल ने 1981 की अपनी हिंदी फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ का जिक्र करते हुए कहा कि वह हिंदी सिनेमा का हिस्सा रहे हैं, बिना थोपे उन्होंने भाषा सीखी। बोले थोपो मत, क्योंकि एक तरह से ये शिक्षा है। आपको शिक्षा के लिए सबसे आसान रास्ता अपनाना चाहिए, न कि बाधाएं डालनी चाहिए।’
कमल हासन पहले भी कर चुके हैं हिंदी थोपने का विरोध
यह पहला मौका नहीं है जब कमल हासन ने हिंदी थोपने के प्रयासों का विरोध किया हो। वर्ष 2019 में भी उन्होंने ऐसी ही स्थिति में कड़ा बयान दिया था। तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रमोट करने की बात कही थी। इसके जवाब में कमल हासन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था,
“कोई भी शाह, सुल्तान या सम्राट हमारी भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए किए गए वादे को तोड़ नहीं सकता।”
कुछ दिनों पहले कन्नड़ भाषा को लेकर दिया था बयान…
कमल हासन ने 24 मई को चेन्नई में अपनी फिल्म ‘ठग लाइफ’ के प्रमोशनल इवेंट के दौरान कहा था –
“शिव राजकुमार मेरे परिवार जैसे हैं, इसलिए यहां हैं। मैंने अपनी बात जीवन, संबंध और तमिल से शुरू की। आपकी भाषा (कन्नड़) तमिल से निकली है, इसलिए आप भी हमारे ही हिस्से हैं। ” इस बयान को लेकर कर्नाटक में भारी विरोध हुआ। कई कन्नड़ संगठनों ने माफी की मांग की है।
KFCC ने ठग लाइफ की रिलीज पर लगाया बैन…
कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने कहा है कि जब तक कमल हासन माफी नहीं मांगते, उनकी फिल्म ‘ठग लाइफ’ कर्नाटक में रिलीज नहीं की जाएगी। इसके जवाब में कमल हासन ने KFCC को पत्र लिखते हुए कहा –
“मुझे दुख है कि मेरा बयान गलत तरीके से पेश किया गया। मेरा उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। यह डॉ. राजकुमार और उनके परिवार के प्रति मेरे स्नेह का प्रतीक था।”
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‘एक माफी से सुलझ सकता था मामला..’ – हाईकोर्ट
कमल हासन की प्रोडक्शन कंपनी राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल ने फिल्म की रिलीज के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दाखिल की। इस पर जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने कहा –
“यह देश भाषा के आधार पर विभाजित हुआ है। जल, जमीन और भाषा नागरिकों की पहचान का हिस्सा हैं। आपके बयान ने अशांति फैलाई है। अगर आप माफी मांग लेते, तो मामला सुलझ जाता।”
‘कोई भाषा किसी दूसरी से पैदा नहीं होती’ – हाईकोर्ट
जस्टिस नागप्रसन्ना ने कहा – “कोई भी भाषा किसी दूसरी भाषा से उत्पन्न नहीं होती। भाषा लोगों की भावनात्मक और सांस्कृतिक पहचान है। 75 साल पहले भी ऐसा ही बयान दिया गया था और तब माफी मांगी गई थी। आप क्यों नहीं मांग सकते?”