22 से 55 साल के लोग को मिलेगी जाने की अनुमति
तिब्बत में हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थल कैलाश पर्वत के दर्शन एक अक्टूबर से शुरू होंगे। उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। पिथौरागढ़ जिले के पुराने लिपुलेख दर्रे पर बने व्यू प्वाइंट से श्रद्धालुओं को कैलाश पर्वत की झलक देखने को मिलेगी। अभी तक कैलाश यात्रा नेपाल, सिक्किम और उत्तराखंड होते हुए हो रही थी, लेकिन कोरोना काल के चलते चीन द्वारा रास्ता बंद किए जाने की वजह से यात्रा बंद कर दी गई थी।
केएमवीएन टीडीओ ललित तिवारी ने भास्कर को बताया कि यात्रा के लिए केवल 22 से 55 वर्ष आयु वर्ग के श्रद्धालु ही जा सकेंगे। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 80,000 रुपये किराया तय किया गया है। पहले 75,000 रुपये प्रस्तावित थे, लेकिन लागत बढ़ने के कारण किराया बढ़ गया है।
पैकेज में सभी खर्चे शामिल
पैकेज में हेलीकॉप्टर-जीप का किराया, निवेश-खाने-पीने की लागत शामिल है। यात्रा के लिए बुकिंग शुक्रवार से केएमवीएन की वेबसाइट से शुरू होगी। यात्रा चार दिन की होगी।
पहले दिन सेना के हेलीकॉप्टर से 15 तीर्थयात्रियों को पिथौरागढ़ से 70 किलोमीटर दूर गुंजी गांव ले जाया जाएगा। यहां रात का ठहराव होगा। यह गुंजी गांव से 30 किमी दूर आदि कैलाश पर्वत को ले जाएगा। यहां से वह वापस गुंजी गांव आएंगे और रात में रुकेंगे। तीसरे दिन निजी वाहनों में सबसे पहले ओम पर्वत के दर्शन होंगे। वहां से सेना अपने वाहनों में कैलाश व्यू प्वाइंट लेकर जाएगी, जहां से उसके सामने कैलाश पर्वत देखा जा सकता है। चौथे दिन उसे गुंजी से पिथौरागढ़ लौटना होगा। यात्रा से पहले हर श्रद्धालु की मेडिकल जांच की जाएगी।