Reporter: शशांक सोनकपुरिया
Madhya Pradesh के बैतूल में जिला चिकित्सालय के हाल बेहाल लगा है अव्यवस्थाओ का अम्बार जिला चिकित्सालय लगातार विवादों में बना हुआ है यहाँ प्रसूताओं की मौत के मामले देखने मे आ ही रहे थे अभी कुछ दिन पूर्व ही एक महिला की सिजेरियन डिलेवरी के बाद पेट मे हैंड टॉवेल निकलने का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ कि डिलेवरी वार्ड को अव्यवस्थाओ का ताजा नजारा सामने आ गया जहाँ प्रसूताओं के साथ किया जा रहा जानवरों जैसा बर्ताव कहने को तो अस्पताल परिसर में बड़ी बड़ी बिल्डिंगे बन गई है पर सुविधाओं के नाम पर आज भी शून्य वर्तमान सरकार के जनप्रतिनिधियों के दावे और वादों को आइना दिखा रही ये तस्वीर किस तरह डिलेवरी वार्ड में प्रसूताओं से किया जाता है दुर्व्यवहार इस बात की पड़ताल करने जब हम मौके पर पहुँचे तो ड्यूटी नर्स द्वारा हमे भी कैमरे में इस अव्यवस्था को कैप्चर करने से रोका गया और कहा गया कि सीएस से अनुमति लेने के बाद यहाँ की वीडियो ग्राफी करो वहीं जब हमारे द्वारा देखा गया तो जच्चा बच्चा दोनों पतले से चादर पर पड़े नजर आए अब सवाल यह है कि टाइल्स पर पतली सी चादर बिछाकर जच्चा बच्चा को जानवरों की तरह पड़े रहने पर मजबूर होना और अगर इस बीच शरीर मे ठंड भरा जाने से किसी प्रसूता या नवजात की जान चली जाती है तो जिम्मेदार कौन ? और इन अव्यवस्थाओ में सुधार लाएगा कौन ? अब देखना यह होगा कि इस मामले में संज्ञान लेकर अपने तेजतर्रार कार्यवाही के लिए जाने जाने वाले कलेक्टर क्या कार्यवाही करते है या इसी तरह प्रसूता और नवजात बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ जारी रहेगा।