स्कूली बस अनियंत्रित, खाई में पलटी
हादसे में बस में सवार बच्चे और चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। बच्चों की चीख-पुकार से इलाका गूंज उठा। स्थानीय ग्रामीणों की तत्परता और समय पर की गई कार्रवाई ने एक बड़ा हादसा टाल दिया। ग्रामीणों ने बस के शीशे तोड़कर खून से लथपथ बच्चों को बाहर निकाला और तुरंत मदद पहुंचाई। इस घटना ने स्कूल बसों की सुरक्षा और सिस्टम की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

Jhansi School Bus Accident: घायलों के नाम
हादसे में 14 वर्षीय अनुराग, 15 वर्षीय मयंक, 12 वर्षीय अनुराग, 10 वर्षीय लक्ष्य, 11 वर्षीय बृजपाल, 13 वर्षीय देव कुशवाहा, 15 वर्षीय कृष्णकांत, 14 वर्षीय ऋषि यादव, 10 वर्षीय अनूप, 14 वर्षीय जिगर पांचाल और 45 वर्षीय बस चालक वैदेही शरण घायल हुए। सभी घायलों को ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया।
सिस्टम की लापरवाही
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन और परिवहन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि स्कूल बसें खटारा हालत में हैं और उनकी समय-समय पर जांच नहीं होती। बसों की फिटनेस रिपोर्ट केवल कागजी खानापूर्ति बनकर रह गई है। यह सवाल उठता है कि क्या स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहा है? परिवहन विभाग की उदासीनता और स्कूल प्रबंधन की लापरवाही ने बच्चों की जान को खतरे में डाला। अभिभावकों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। यह कोई पहला हादसा नहीं है, और अगर जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में और दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

घटना की सूचना मिलते ही अपर जिलाधिकारी वरुण पांडेय, एसडीएम अवनीश तिवारी, सीओ अजय श्रोतिय और मोठ कोतवाल अखिलेश द्विवेदी ट्रामा सेंटर पहुंचे। घायल बच्चों के इलाज की व्यवस्था कराई गई।
