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दुकानदारों और पालकी मालिकों ने किया प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णोदेवी रोपवे परियोजना के खिलाफ स्थानीय दुकानदारों और मजदूरों ने सोमवार को लगातार चौथे दिन विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई भी हुई। इस घटना में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
प्रदर्शनकारियों ने सबसे पहले मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर विरोध रैली निकाली। इसके बाद शालीमार पार्क के बाहर प्रदर्शन किया गया। दरअसल, वैष्णोदेवी दर्शन पर जाने वाले लोगों के लिए शालीमार पार्क में ही बेस कैंप लगाया गया है।
#WATCH | J&K | Pony and palanquin owners hold a protest against the Mata Vaishno Devi ropeway project, in Katra
— ANI (@ANI) November 25, 2024
They (Pony and palanquin owners) called the protest on November 22 that continues till today opposing ₹250-crore ropeway project between Tarakote Marg and Sanji Chhat… pic.twitter.com/5iCCWw1fUU
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भक्तों को मंदिर तक ले जाने के लिए रोपवे परियोजना मौजूदा मार्ग पर स्थानीय दुकानदारों के व्यवसाय को प्रभावित करेगी। भक्तों को पालकी और घोड़ों पर मंदिर ले जाने वाले व्यापारियों ने कहा कि नई परियोजना पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसे 250 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। इसके निर्माण के बाद श्रद्धालु रोपवे के माध्यम से जाएंगे। हमारी रोजी-रोटी छीन ली जाएगी।
प्रदर्शन के अलावा दुकानदारों और पालखीवालों ने भी तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की है। 22 नवंबर से शुरू हुई हड़ताल को अब एक और दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हर दुकानदार, मजदूर को 20 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। इसके अलावा उन्हें प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास योजना बनाने को भी कहा गया।
नया रोपवे प्रोजेक्ट 1 घंटे में 7 घंटे का सफर तय करेगा
श्री वैष्णो देवी मंदिर श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने कहा कि 250 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली नई रोपवे परियोजना को हरी झंडी मिल गई है। इसके तहत कटरा से सांझीछठ जाने में सिर्फ 6 मिनट का समय लगेगा। इसके बाद 45 से 50 मिनट में वैष्णो देवी भवन पहुंचा जा सकता है।
अभी श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में 6-7 घंटे का समय लगता है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद भक्त को सिर्फ 1 घंटे का समय लगेगा। रोपवे एक घंटे में 1,000 लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकता है।