Contents
7 जनवरी को दो अंतरिक्ष यान बुलेट से भी तेज गति से अंतरिक्ष से जुड़े होंगे
इसरो ने आज यानी 30 दिसंबर को रात 10 बजे श्रीहरिकोटा से स्पैडेक्स यानी स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन लॉन्च किया। पृथ्वी से 470 किमी ऊपर पीएसएलवी-सी60 रॉकेट द्वारा दो अंतरिक्ष यान तैनात किए गए।
अब 7 जनवरी, 2025 को अंतरिक्ष में बुलेट की गति से दस गुना अधिक यात्रा करने वाले इन दोनों अंतरिक्ष यान को इस मिशन में जोड़ा जाएगा। सफल होने पर भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
भारत का चंद्रयान-4 मिशन मिशन की सफलता पर निर्भर है, जिसमें चांद की मिट्टी के नमूने धरती पर लाए जाएंगे। चंद्रयान-4 मिशन 2028 में लॉन्च किया जा सकता है। स्पेस डॉकिंग का मतलब है अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ना।
पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च, फिर 470 किमी तक डॉकिंग
सफल डॉकिंग के बाद दो अंतरिक्ष यान के बीच विद्युत शक्ति हस्तांतरण का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद अंतरिक्ष यान अनडॉकिंग करेगा और दोनों अपने-अपने पेलोड का संचालन शुरू कर देंगे। यह लगभग दो वर्षों तक मूल्यवान डेटा प्रदान करना जारी रखेगा।