
बड़ा ड्रग रैकेट पकड़ाया, एक मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई
isis drug tramadol racket: आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के अवनीगड्डा में एक बड़े ड्रग रैकेट का खुलासा हुआ है, जहां एक मेडिकल स्टोर पर अवैध रूप से ट्रामाडोल नामक साइकोट्रोपिक ड्रग की बिक्री की जा रही थी। यह ड्रग, जिसे आमतौर पर ‘आईएसआईएस ड्रग’ के नाम से जाना जाता है, आतंकवादी संगठनों द्वारा अपने लड़ाकों को लंबे समय तक सक्रिय रखने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसे ‘फाइटर ड्रग’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और दर्द से राहत देता है।
ट्रामाडोल टैबलेट्स की अवैध बिक्री का खुलासा
भार्गव मेडिकल स्टोर्स द्वारा 2022 से 2024 तक बिना किसी अनुमति के 55,961 ट्रामाडोल टैबलेट्स और 2,794 इंजेक्शन बेचे गए थे। यह भंडाफोड़ आंध्र प्रदेश के ईगल आईजी कृष्णा और डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता के निर्देशन में किए गए एक औचक निरीक्षण के दौरान हुआ। इस निरीक्षण में सतर्कता, प्रवर्तन, ईगल विंग और ड्रग कंट्रोल विभागों की टीमों ने जांच की, और अवैध ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया।
नियमों की अनदेखी और बड़े पैमाने पर अवैध बिक्री
ट्रामाडोल को 2018 से एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत मादक मनोदैहिक पदार्थ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और इसे केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही बेचा जा सकता है। इसके बावजूद, अवनीगड्डा के भार्गव मेडिकल स्टोर्स ने बिना पर्चे और लाइसेंस के इस दवा की बिक्री की। जांच में यह भी पाया गया कि यह अवैध प्रथा वाईएसआरसीपी शासन के दौरान बड़े पैमाने पर प्रचलित हुई और अब भी जारी है।
मेडिकल स्टोर के मालिक ने स्वीकार की अवैध बिक्री
पूछताछ के दौरान, स्टोर के मालिक कोनाकल्ला राममोहन ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से ट्रामाडोल गोलियां और इंजेक्शन बेच रहे थे। अधिकारियों को संदेह है कि स्टोर द्वारा दर्ज की गई बिक्री वास्तविक संख्या से कहीं अधिक हो सकती है। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर सैकड़ों लोग इस ड्रग के आदी हो चुके हैं, और रोज़ाना इसकी खरीदारी की जा रही है।
जांच और कार्रवाई जारी
अवनीगड्डा पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, और जांच जारी है। ईगल विंग ने पुष्टि की है कि इस रैकेट की पूरी हद को उजागर करने के लिए गहन जांच की जा रही है।
isis drug tramadol racket एक्सपायर दवाइयां भी बरामद
ऑपरेशन गरुड़ के तहत, शुक्रवार को राज्य भर में करीब 100 टीमों ने विभिन्न दुकानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान विशाखापत्तनम में कुछ दुकानों पर एक्सपायर हो चुकी दवाइयां बिकती पाई गईं। कुल मिलाकर 120 दुकानों पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 का उल्लंघन पाया गया, और इन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पांच दुकानों से दवाइयां भी जब्त की गईं। इस अभियान के तहत आगे भी छापेमारी और निरीक्षण जारी हैं।
आंध्र प्रदेश में पकड़े गए इस बड़े ड्रग रैकेट से यह स्पष्ट हो गया है कि ड्रग्स की अवैध बिक्री का जाल काफी गहरा है, और इसके नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं। अधिकारियों की टीम ने इस रैकेट को उजागर करने में सफलता पाई है, लेकिन जांच अभी भी जारी है। उम्मीद है कि इस कार्रवाई के बाद इस तरह की अवैध गतिविधियों में और कमी आएगी, और स्थानीय समुदायों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।