Contents
- 1 पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी एक्टिव
- 2 सोशल मीडिया पर बढ़ती गलत सूचनाएं
- 3 फर्जी अकाउंट्स द्वारा फैलाए गए आरोप
- 4 ISI का हाथ?
- 5 तथ्य-जाँच समूह का खुलासा
- 6 भू-राजनीतिक विश्लेषक का दृष्टिकोण
- 7 भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर असर
- 8 पाकिस्तान की रणनीति
- 9 बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
- 10 अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
- 11 Anti-India propaganda
पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी एक्टिव
Anti-India propaganda : बांग्लादेश, जो एक समय भारत के समर्थन से स्वतंत्रता प्राप्त करने वाला देश था, आज राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक तनाव की चपेट में है। इस संकट के बीच, पाकिस्तान की जासूसी एजेंसियों, विशेषकर इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI), पर बांग्लादेश में भारत विरोधी दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगा है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती गलत सूचनाएं
बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग हो रहा है। फर्जी कहानियाँ गढ़ी जा रही हैं और इन्हें बांग्लादेश के नागरिकों के बीच फैलाया जा रहा है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई ऐसे अकाउंट सक्रिय हो गए हैं जिनका मुख्य उद्देश्य भारत को बांग्लादेश में एक दुश्मन के रूप में पेश करना है।
फर्जी अकाउंट्स द्वारा फैलाए गए आरोप
इनमें से एक अकाउंट, @IntelPk_, ने यह दावा किया कि “बांग्लादेशी सेना की वर्दी में 30 भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के अधिकारी भागने की कोशिश कर रहे हैं।” इस तरह की असत्यापित सूचनाएं बार-बार साझा की जा रही हैं, जिससे लोगों के बीच भ्रम और आक्रोश बढ़ रहा है। इस पोस्ट को अन्य फर्जी अकाउंट्स ने भी तेजी से फैलाया, जिससे यह झूठ और भी मजबूत हो गया।
ISI का हाथ?
अंतर्राष्ट्रीय रूढ़िवादी राजनीतिक विशेषज्ञ सुवरोकमल दत्ता ने इस स्थिति को पाकिस्तान की ISI का एक और चाल बताया। उनके अनुसार, पाकिस्तान की सेना और मीडिया द्वारा समर्थित यह दुर्भावनापूर्ण प्रचार बांग्लादेश में भारत विरोधी नफरत को बढ़ावा देने और देश को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है।
तथ्य-जाँच समूह का खुलासा
फैक्ट-चेकिंग समूह डी-इंटेंट डेटा ने भी इस फ़र्जी कहानी का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में जो वीडियो साझा किया जा रहा है, वह भारतीय सेना का नहीं बल्कि बांग्लादेश की हवाई अड्डा सशस्त्र पुलिस बटालियन (AAP) का है। यह वीडियो एक भ्रामक दावे के साथ फैलाया गया था, जिसका मकसद बांग्लादेश में भारतीय सेना की छवि खराब करना था।
भू-राजनीतिक विश्लेषक का दृष्टिकोण
लंदन में रहने वाले स्वतंत्र भू-राजनीतिक विश्लेषक प्रियजीत देबसरकर ने भी इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उनके अनुसार, “बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए एक गंभीर खतरा है।” उनका मानना है कि पाकिस्तानी डीप स्टेट इस दुष्प्रचार के जरिए 1971 के युद्ध की हार का बदला लेने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बांग्लादेश के लोग इस खतरे का मुकाबला करने में सक्षम हैं।
भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर असर
भारत और बांग्लादेश के संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से गहरे हैं। बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए भारत का समर्थन और योगदान कोई भूला नहीं सकता। लेकिन इस तरह के दुष्प्रचार और गलत सूचनाओं के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ सकती है।
पाकिस्तान की रणनीति
पाकिस्तान लंबे समय से बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। इस प्रक्रिया में, वे बांग्लादेश के भीतर अस्थिरता पैदा कर रहे हैं और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ISI की इस तरह की रणनीतियाँ दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा हैं।
बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश की सरकार और नागरिक समाज ने इस दुष्प्रचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस तरह की गलत सूचनाओं का मकसद केवल देश में अशांति फैलाना और भारत-बांग्लादेश संबंधों को नुकसान पहुँचाना है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और इस तरह के दुष्प्रचार को फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। India और Bangladesh दोनों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह के प्रयास सफल न हों।