Inter Religion Marriage: ‘मुस्लिम लड़का और हिंदू लड़की आपस में शादी कर सकते हैं, शर्त ये है कि उन्हें धर्म बदलना होगा। यानी बिना धर्म बदले शादी की तो उसे अवैध माना जाएगा। यह शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत नहीं है। ऐसे में होने वाले बच्चों का संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रहेगा। ऐसा कहते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की की शादी की याचिका को खारिज कर दिया।
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कलेक्टर से मांगी सुरक्षा
Inter Religion Marriage: अनूपपुर का रहने वाला 29 साल का मुस्लिम लड़का और 25 साल की हिंदु लड़की में प्यार हुआ, दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। लेकिन दोनों अपना धर्म नहीं छोड़ना चाहते। घर वाले भी शादी के खिलाफ है। ऐसे में दोनों ने 25 मई को अनूपपुर करेक्टर ऑफिस में आवेदन दिया और सुरक्षा की मांग करते हुए शादी करने की परमिशन मांगी। लेकिन कलेक्टर ना तो सुरक्षा दी, और ना ही शादी की मंजुरी।
Inter Religion Marriage: लड़की को बदलना होगा धर्म
कलेक्टर से मंजुरी ना मिलने पर लड़का- लड़की ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगा दी । कपल के वकील ने कहा की इंडियन लॉ के हिसाब से ये शादी हो सकती है, साथ ही पुलिस को भी सुरक्षा देनी चाहिए।
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वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में इसकी इजाजत नहीं है। कोई मुस्लिम लड़का किसी हिंदू लड़की से शादी तब तक नहीं कर सकता, जब तक लड़की अपना धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म नहीं अपनाती।
रह सकते है लिव इन में
Inter Religion Marriage: कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि लड़का-लड़की लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं, लेकिन धर्म बदले बिना शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ के खिलाफ है, इसलिए ऐसी शादी को वैध नहीं माना जा सकता। साथ ही कोर्ट ऐसी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने की मांग पर दखल नहीं देगा।
सुनवाई के दौरान लड़की के पिता भी मौजूद थे, उन्होंने कहा की अगर ये शादी हुई उन्हें समाज से बाहर निकाल दिया जाएगा।