indigo sc st act fir training pilot: सीनियर्स पर SC/ST एक्ट तहत कार्रवाई
indigo sc st act fir training pilot: 22 साल की व्यापक शुरुआत: इंडिगो एयरलाइंस के एक युवा ट्रेनी पायलट शरण ए. ने गुरुग्राम में अपने तीन सीनियरों, जिनमें फ्लाइट कैप्टन भी शामिल हैं, के खिलाफ तगड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कह दिया: “You are not fit to fly, you go back and stitch slippers!” शरण ने इस पूरे मामले को SC/ST Act के तहत दर्ज कराया, और अब यह हवाई कंपनी के लिए गंभीर यातना और जातिवाद की आरोप-प्रस्तुति बन गया है।
🚩 घटना की पूरी डिटेल
तारीख | घटना | स्थान |
---|---|---|
28 अप्रैल 2025 | गुरुग्राम में कर्मचारी मीटिंग | एमार कैपिटल टावर-2 |
यहीं पर | ट्रेनी पायलट को जातिसूचक शब्दों से संबोधित किया गया | गुरुग्राम |
बाद में | शिकायत बेंगलुरु में दर्ज करवाई गई | बेंगलुरु |
शरण, जो आदिद्रविड़ समाज से ताल्लुक रखते हैं (SC श्रेणी), ने बताया कि मीटिंग में इंडिगो के तीन वरिष्ठ कर्मचारियों—तपस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल—ने उन्हें सार्वजनिक रूप से जातिसूचक गालियाँ दीं। आरोप है कि उनसे कहा गया:
“You are not fit to fly, go back and stitch slippers… तू मेरा जूता चाटने लायक भी नहीं!”
इतना ही नहीं—मीटिंग से पहले उनका बैग और मोबाइल लेकर उन्हें बाहर खड़ा कर दिया गया।
🧠 लिखित शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई
शरण बताते हैं:
- “उन सबके सामने मेरी गरिमा को ठेस पहुंची… जैसा लग रहा था कि मैं इंसान नहीं, कोई खराब सामान हूं।”
- “इंडिगो के CEO और Ethics Committee को लिखित शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
इस सबके बाद उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगा। वे डिप्रेशन की कगार पर आ गए।
👨⚖️ बेंगलुरु पुलिस ने FIR दर्ज की
- Zero FIR: बेंगलुरु पुलिस ने SC/ST एक्ट के तहत जीरो FIR दर्ज कराते हुए मामला गुरुग्राम भेजा।
- गुरुग्राम पुलिस: DLF फेज‑1 थाने में जांच शुरू, वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी।
SC/ST Act की धारा👇
अनुचित टिप्पणी या अपमान का दोषी पाया गया, तो 2–5 साल की जेल हो सकती है तथा भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
🗣️ इंडिगो का बयान
इंडिगो का ऑफिशियल स्टैंड साफ है:
“हम भेदभाव या उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं करते। आरोप निराधार हैं और हम पूरी निष्पक्ष जांच में सहयोग करेंगे।”
🔍 Workplace Ethics पर गहराई से नजर
1. भेदभाव और जातिवाद
- ऑफिस में जाति-आधारित टिप्पणियां, सम्मान की खुलेआम अवहेलना।
- यह समस्या सिर्फ एक ट्रेनी तक सीमित नहीं—पूरे संस्थान की कार्यसंस्कृति की निशानी हो सकती है।
2. रेटिंग सिस्टम की कमी
- अगर Ethics Committee या CEO स्तर पर शिकायतें दर्ज होते ही ठंडे बस्ते में चली जाती हैं, तो कर्मचारी न्याय की आस खो देते हैं।
- समय पर कार्रवाई न होने पर दोषी को मनोवैज्ञानिक रूप से विजय का एहसास होता है।
3. मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
- डिप्रेशन, आत्म-सम्मान की कमी—जैसी परिस्थितियों में कर्मचारी नकारात्मक मानसिक अवस्था तक पहुँच सकते हैं।
🪂 व्यापक प्रभाव
- AAP सही या गलत, लेकिन इस आरोप ने इंडस्ट्री का ध्यान खींचा है कि “एक उत्तम ब्रांड” के पीछे भी अवांछित कार्यसंस्कृति हो सकती है।
- हवाई अड्डे पर हुईं ‘माइक्रो-अग्रेशन’ किस हद तक कानूनी जटिलताओं में बदल सकते हैं?
- SC/ST Act की सेक्युरिटी इस मामले में अपनी ताकत दिखा रही है, क्योंकि जातिय भेदभाव विहीन कार्यस्थल की मांग के कारण कानूनी पूंछ है।
⚖️ Verdict की दिशा?
- FIR दर्ज हो चुकी है और अब पुलिस पूछताछ करेगी।
- जांच में ये बात सामने आ सकती है:
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- सिर्फ भाषा में ठोस अपमान था या
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- वास्तविक उत्पीड़न हुआ?
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- केस का परिणाम अन्य एयरलाइंस और कार्पोरेट हॉाइवेस में जागरूकता पैदा कर सकता है।
- इस पूरे प्रोसेस से ये स्पष्ट होगा कि SC/ST Act कितनी मॉडर्न कंपनियों में कार्यसंस्कृति सुधारने में उपयोगी है।
यह सिर्फ एक घटना नहीं—यह इंडिगो जैसे ब्रांड के व्यवसाय-सिंबल पर मानवीय और कानूनी प्रतिबिंब का एक बड़ा सवाल है। जातिवाद, भेदभाव, गैपिंग Ethics—यह तीनों इस कहानी के केंद्र में हैं। इस केस से संबंधित हर अपडेट पर नजर बनी रहेगी
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