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भारत में ट्रेन हादसों की बढ़ती घटनाएं
Indian Railway : भारत में रेल सुरक्षा को लेकर एक बार फिर लोग चिंतित है। इस महीने के दौरान देशभर में कुल 20 प्रमुख ट्रेन हादसे हुए हैं, जिन्होंने न केवल यात्री जीवन को खतरे में डाला है बल्कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। हाल के वर्षों में भारत में औसतन 71 रेल हादसे प्रति वर्ष होते हैं, जो 2004-2014 के बीच के औसत 171 हादसों से कम हैं।
देश में हुए बड़े ट्रेन हादसे
- उत्तर प्रदेश में जुलाई के पहले सप्ताह में ही तीन बड़े ट्रेन हादसे हुए। एक हादसा लखनऊ के पास हुआ जहां एक पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई। इसके अलावा, वाराणसी और इलाहाबाद के बीच एक मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेन की टक्कर ने हालात को और भी गंभीर बना दिया।
- बिहार में भी ट्रेन हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। पटना के नजदीक एक तेज रफ्तार ट्रेन ने खड़े ट्रक को टक्कर मार दी, जिससे कई यात्री घायल हो गए।
- पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना ग्रस्त हो गई, यहां कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से आ रही एक मालगाड़ी ने टक्कर मारी। इस घटना में सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी के कारण दुर्घटना हुई
- मध्य प्रदेश के भोपाल में एक और दुर्घटना ने सबको चौंका दिया, जहां एक ट्रेन प्लेटफॉर्म पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए।
- राजस्थान के जयपुर के पास एक ट्रेन के इंजन में तकनीकी खराबी के कारण बड़ा हादसा हुआ, जिससे ट्रेन पटरी से उतर गई और यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
रेल हादसों के कारण
इन हादसों के कई कारण सामने आए हैं। सबसे पहले, खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और पुरानी रेल पटरियों की स्थिति ने दुर्घटनाओं को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, तकनीकी खराबियां जैसे इंजन के ब्रेक सिस्टम में गड़बड़ी और सिग्नल सिस्टम की कमियों ने भी इन हादसों को अंजाम दिया। इसके अलावा, ड्राइवरों की लापरवाही और ट्रेन के समय पर निरीक्षण की कमी भी हादसों में योगदान दे रही है
हादसों के बाद जागा प्रशासन
जुलाई 2024 में हुए इन दुर्घटनाओं ने भारतीय रेलवे के लिए एक चुनौती पेश की है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार और रेलवे प्रशासन की नई योजनाओं और सुधारात्मक कदमों से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं में कमी आएगी और रेल यात्रा को सुरक्षित बनाया जा सकेगा। इसके अलावा, ड्राइवरों और अन्य रेलकर्मियों को नई ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे सुरक्षा मानकों का पालन कर सकें।