indian army qrSAM missile system 2025 : दुश्मन की मिसाइल और ड्रोन सेकंडों में तबाह ₹30,000 करोड़ की डील तय
indian army qrSAM missile system 2025 : भारतीय सेना जल्द ही अपने एयर डिफेंस सिस्टम को और भी शक्तिशाली बनाने जा रही है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) द्वारा तैयार किया गया QRSAM (Quick Reaction Surface to Air Missile) सिस्टम भारतीय सेना की मारक क्षमता में बड़ा इजाफा करेगा। इसके तहत ₹30,000 करोड़ की लागत से 3 रेजिमेंट्स की खरीद प्रस्तावित है।
🔍 QRSAM क्या है?
QRSAM एक ऐसा सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है जिसे खासतौर पर मोबाइल और तेज़ प्रतिक्रिया देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सिस्टम सीमावर्ती इलाकों में दुश्मन के मिसाइल, ड्रोन या एयरक्राफ्ट जैसे मूविंग टारगेट्स को सेकंडों में ट्रैक और खत्म करने की क्षमता रखता है।
🔧 QRSAM की प्रमुख विशेषताएं:
विशेषता | विवरण |
---|---|
ट्रैकिंग रेंज | 80 किमी (IFF के साथ) |
सर्विलांस रेंज | 120 किमी |
मिसाइल रेंज | 30 किमी तक |
ऑपरेशन मोड | दिन और रात, हर मौसम में सक्षम |
मोबिलिटी | किसी भी जगह तैनात करने योग्य |
लक्ष्य | मूविंग टारगेट्स (ड्रोन, फाइटर, मिसाइल) |
निर्माता | DRDO, भारत सरकार |
भारत की वर्तमान एयर डिफेंस ताकत में शामिल होंगे ये:
भारत के पास पहले से ही प्रभावशाली एयर डिफेंस सिस्टम मौजूद हैं:
- S-400 ट्रायम्फ (रूस से खरीदा गया अल्ट्रा लॉन्ग रेंज सिस्टम)
- आकाश मिसाइल सिस्टम (स्वदेशी)
- आकाशतीर (AI-पावर्ड नेटवर्केड डिफेंस सिस्टम)
- Iron Drone Defence (Swarm Countering)
इन सभी को QRSAM का साथ मिलने से भारत की वायु सुरक्षा क्लोज रेंज से लेकर लॉन्ग रेंज तक मजबूत हो जाएगी।
🛰️ ऑपरेशन सिंदूर: जब आकाशतीर बना था भारत का डिफेंस हीरो
मई 2025 में भारत-पाकिस्तान सीमा पर हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से भेजे गए चीनी मिसाइल्स और तुर्किश ड्रोन्स को भारत ने आकाशतीर, S-400 और आयरन ड्रोन जैसे सिस्टम्स की मदद से सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
आकाशतीर खासकर AI-इंटीग्रेटेड रडार, सेंसर और संचार प्रणाली की मदद से एक रीयल-टाइम नेटवर्क तैयार करता है जो हवाई खतरों का तत्काल पता लगाकर उनका नाश कर सकता है।
🧠 QRSAM क्यों है ज़रूरी?
- तेजी से बदलते युद्ध के तरीके
- ड्रोन और क्रूज मिसाइल्स के बढ़ते खतरे
- दो मोर्चों पर संभावित युद्ध (चीन + पाकिस्तान)
- सटीक और तेज़ रिएक्शन सिस्टम की आवश्यकता
DRDO द्वारा विकसित यह सिस्टम भारत की आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में एक बड़ा कदम है।
🗓️ कब होगा फैसला?
QRSAM की खरीद के लिए जून के चौथे सप्ताह में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक हो सकती है। इस बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद इसे सीमा पर तेजी से तैनात किया जाएगा।
✅ भारतीय सेना के लिए एक गेम चेंजर
भारत अपने रक्षा ढांचे को और अधिक सशक्त बना रहा है, और QRSAM जैसे अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम के जुड़ने से हमारी सीमाओं की सुरक्षा पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होगी। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों की नापाक हरकतों के बीच, यह रक्षा प्रणाली भारतीय सेना के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है।
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