ऑपरेशन सिंदूर और नई तकनीकी तैयारियों पर गहरी बात

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का बड़ा बयान
हमारे देश की सेना की ताकत और उसकी तैयारियां हमेशा देशवासियों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती हैं। हाल ही में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने बयान में भारतीय सेना की तैयारियों और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हमें भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहना है तो हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। केवल इसी तरह हम अपने विरोधियों से मुकाबला कर पाएंगे और हमारी सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम रहेगी।
जनरल द्विवेदी ने मंगलवार को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना की आधुनिकता को लेकर महत्वपूर्ण बातों का खुलासा किया। उनका कहना था कि युद्ध का रूप आज पूरी तरह से बदल चुका है। पहले जहां हमें 100 किमी रेंज वाले हथियारों की जरूरत थी अब वही हथियार 300 किमी रेंज तक चाहिए। इसका सीधा सा मतलब है कि हमें अपनी रक्षा प्रणाली को और मजबूत और प्रभावी बनाना होगा ताकि हम किसी भी युद्ध के लिए तैयार रहें।
नई तकनीकों के साथ तैयार करना होगा सेना को
सेना प्रमुख ने नई तकनीकों की अहमियत पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि अगर हम भविष्य के युद्धों के लिए तैयार होना चाहते हैं तो हमें अब लेजर हथियारों और बिना चालक वाले टैंकों जैसी तकनीकों को भी सेना में शामिल करना होगा। उन्होंने कहा “भारत अब हथियारों के मामले में राइफल से लेजर तक जाने की दिशा में काम कर रहा है। हम ऐसी तकनीकों को अपना रहे हैं जो हमारे जवानों की सुरक्षा और प्रभावशीलता बढ़ा सकें।”
जनरल द्विवेदी ने यह भी बताया कि भारतीय सेना के लिए नए हेलिकॉप्टरों की खरीद की प्रक्रिया चल रही है। इस दिशा में उन्होंने हाल ही में विदेश यात्रा की और सैनिकों की सुरक्षा और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई प्रस्तावों पर चर्चा की।
ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष टिप्पणी
ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते हुए जनरल द्विवेदी ने इसे एक कठिन और अनिश्चित युद्ध बताया। उन्होंने कहा “कुछ लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर को चार दिन के टेस्ट मैच जैसा बताया लेकिन युद्ध के बारे में हम पहले से कुछ नहीं कह सकते। युद्ध हमेशा अनिश्चित होते हैं। उदाहरण के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद किसी को अंदाजा नहीं था कि यह इतना लंबा चलेगा। ईरान-इराक युद्ध भी 10 साल तक चला।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना को सरकार से पूर्ण स्वतंत्रता मिली थी लेकिन यह भी एक जटिल खेल था। “हम नहीं जानते थे कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और न ही दुश्मन को हमारी अगली चाल का अंदाजा था।”

भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम
सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने यह भी साफ तौर पर कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना न केवल सेना के लिए बल्कि पूरी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा “हमारी तकनीक और हथियारों की क्षमता को खुद पर भरोसा करना होगा। यह हमें भविष्य के युद्धों के लिए तैयार कर सकता है। हमें विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।”
सेना की जीवन रेखा
भारतीय सेना के जवानों की शहादत और बलिदान की कहानियां देश की मिट्टी में समाई हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान दिखाते हैं कि भारतीय सेना का हर जवान अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा के लिए तैयार रहता है। सेना प्रमुख ने इस बात पर भी जोर दिया कि भविष्य में किसी भी संकट से निपटने के लिए हमे अपने सैनिकों की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
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