india project kusha – air defense system news : भारत बना रहा है रूस के S-400 से भी तगड़ा एयर डिफेंस सिस्टम
नई दिल्ली: भारत अब एक ऐसे एयर डिफेंस सिस्टम के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा चुका है, जो रूस के प्रसिद्ध S-400 से भी कई गुना अधिक प्रभावी और शक्तिशाली होगा। इस अत्याधुनिक सिस्टम का नाम प्रोजेक्ट कुश रखा गया है, और इसे भारत में ही विकसित किया जा रहा है।india project kusha – air defense system news
🛡️ “प्रोजेक्ट कुश”: भारत का खुद का एयर डिफेंस सिस्टम
भारत के लिए यह सिस्टम इसलिए भी खास है क्योंकि यह पूरी तरह से स्वदेशी होगा। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और डीआरडीओ (DRDO) मिलकर इस एयर डिफेंस सिस्टम पर काम कर रहे हैं। ‘प्रोजेक्ट कुश’ को लेकर खबरें हैं कि इसका प्रोटोटाइप अगले एक से डेढ़ साल में तैयार हो जाएगा, और फिर इसकी ट्रायल प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
भारत के इस नए एयर डिफेंस सिस्टम में एक तीन-स्तरीय प्रणाली होगी, जिसमें निम्नलिखित रेंज होगी:
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कम रेंज: 150 किमी
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मध्यम रेंज: 250 किमी
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अधिकतम रेंज: 350 किमी
इसके अलावा, यह सिस्टम दुश्मन के किसी भी प्रकार के मिसाइल, ड्रोन या एयरक्राफ्ट को पूरी तरह से नष्ट करने में सक्षम होगा।
BEL is proud to announce that our in-house designed & manufactured Air Defence System, Akashteer, has proved its mettle in the war-field. Ground-based Defence Systems integrated with Akashteer made it hell for Pakistan’s air adventures. @DefenceMinIndia pic.twitter.com/e6eO0bftp4
— Bharat Electronics Limited (BEL) (@BEL_CorpCom) May 14, 2025
⚔️ ऑपरेशन सिंदूर में दिखी देसी डिफेंस सिस्टम की ताकत
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी हमलों का जवाब देते हुए अपने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग किया था, जिसमें आकाशतीर सिस्टम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। यह सिस्टम रडार, सेंसर और संचार तकनीकों का इस्तेमाल करके दुश्मन के ड्रोन, जेट्स और मिसाइल्स का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम था।
भारत के इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि स्वदेशी तकनीक न केवल प्रभावी है, बल्कि यह रूस के S-400 जैसी प्रणाली को भी चुनौती दे सकती है।
💪 कुश: रूस के S-400 का देसी वर्जन
भारत का ‘प्रोजेक्ट कुश’ रूस के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का देसी संस्करण होगा, लेकिन इस सिस्टम में कई अत्याधुनिक तकनीकों का समावेश किया जाएगा। S-400 की रेंज 400 किमी तक है, लेकिन प्रोजेक्ट कुश की अधिकतम रेंज 350 किमी होगी। यह प्रणाली दुश्मन के हाई-स्पीड मिसाइल्स, हवाई हमलों और ड्रोन हमलों का भी प्रभावी तरीके से मुकाबला कर सकेगी।
🛠️ बीईएल और डीआरडीओ की संयुक्त कोशिश
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज जैन ने हाल ही में कंपनी के परिणामों के बाद बताया कि वे डीआरडीओ के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं।
वहीं, आकाश मिसाइल सिस्टम और आकाशतीर जैसे स्वदेशी डिफेंस सिस्टम भी भारत के लिए रणनीतिक महत्व रखते हैं। यह एयर डिफेंस सिस्टम भारतीय सशस्त्र बलों को नए तकनीकी अनुभव दे रहे हैं और भारतीय सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं।
💰 30,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर की उम्मीद
बीईएल ने अपने कॉनकॉल में यह भी बताया कि वे अब क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम पर भी काम कर रहे हैं। कंपनी ने यह भी कहा कि इस सिस्टम के लिए उन्हें 30,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर की उम्मीद है, जो भारत की डिफेंस इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा कदम होगा।
🚁 आकाश मिसाइल: भारतीय सशस्त्र बलों के लिए गेम चेंजर
भारत के आकाश मिसाइल सिस्टम ने पहले ही अपनी ताकत को साबित कर दिया है। यह मिसाइल सिस्टम हाई स्पीड टारगेट्स को पकड़ने में पूरी तरह से सक्षम है और इसके प्रभावी उपयोग से भारतीय सशस्त्र बलों को आक्रमणों से बचाव में मदद मिल रही है। आकाशतीर और अन्य स्वदेशी सिस्टम भविष्य में और अधिक प्रभावी होंगे।
🌍 भारत के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा
भारत की यह पहल न केवल स्वदेशी रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी, बल्कि यह भविष्य में भारत को रक्षा क्षेत्र में प्रमुख शक्ति बनाए रखने में मदद करेगी। अब भारत किसी भी आक्रमण के दौरान रूस या अमेरिका पर निर्भर नहीं रहेगा। अपने स्वदेशी डिफेंस सिस्टम के साथ, भारत अपने दुश्मनों का सामना पूरी ताकत से कर सकेगा।
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