ind vs aus 3rd test: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम की बल्लेबाजी हर मैच और हर पारी में नाकाम होती दिख रही है। पर्थ टेस्ट में पहली पारी में बुरी तरह फेल होने के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में वापसी की थी, लेकिन इसके बाद एडिलेड और अब ब्रिसबेन में भी हालात नहीं बदले। कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की खराब फॉर्म के बीच युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल का बल्ला भी खामोश है। इसके साथ ही जायसवाल की एक बड़ी कमजोरी भी सामने आ गई है।
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ind vs aus 3rd test:पहली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर
बाएं हाथ के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल पहली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आए हैं। पर्थ टेस्ट की पहली पारी में सस्ते में आउट होने के बाद उन्होंने दूसरी पारी में शानदार शतक लगाकर टीम की जीत में योगदान दिया था। लेकिन इसके बाद उनकी फॉर्म गिर गई। एडिलेड टेस्ट में 0 और 24 रन पर आउट होने के बाद ब्रिसबेन टेस्ट की पहली पारी में भी वे सिर्फ 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
बाएं हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ नाकामी
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जायसवाल की सबसे बड़ी कमजोरी बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ नाकाम रहना है। इस सीरीज की 5 पारियों में से 3 बार उन्हें मिचेल स्टार्क ने आउट किया है, जिनमें से दो बार वे खाता भी नहीं खोल सके। ब्रिसबेन टेस्ट में पारी की पहली गेंद पर चौका लगाने के बाद दूसरी गेंद पर आउट हो गए।
यह समस्या सिर्फ इस सीरीज तक सीमित नहीं है। पिछले साल दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी जायसवाल को 4 पारियों में से 3 बार बाएं हाथ के पेसर नांद्रे बर्गर ने आउट किया था। उनके 17 टेस्ट मैचों के करियर में अब तक बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों ने 6 बार उन्हें आउट किया है।
स्पिनर्स के खिलाफ भी संघर्ष
बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के अलावा, जायसवाल बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ भी संघर्ष करते नजर आए हैं। अब तक टेस्ट करियर में 6 बार लेफ्ट आर्म स्पिनर्स ने उन्हें आउट किया है। हालांकि, यहां ज्यादातर मौकों पर वे बड़े शॉट्स खेलने के प्रयास में अपना विकेट गंवा बैठे।
सुधार की जरूरत
यशस्वी जायसवाल का अब तक का करियर प्रभावशाली रहा है, लेकिन लेफ्ट आर्म गेंदबाजों के खिलाफ उनकी कमजोरी भविष्य में उनके लिए बड़ा खतरा बन सकती है। भारतीय टीम मैनेजमेंट को इस कमजोरी पर काम करना होगा ताकि यह युवा बल्लेबाज अपने खेल को और बेहतर बना सके।