
Hyderabad Forest Wild Animals:
Hyderabad Forest Wild Animals: जंगल में मोर नाचा किसने देखा..लेकिन, मोर की आवाज कल से सोशल मीडिया पर सबने सुनी, सिवाय तेलंगाना सरकार के…जानवरों के संरक्षण के लिए दुनियाभर की सरकारे पैसा खर्च करती है। हिंदूस्तान में सरकार करोड़ो रूपए जंगली जानवरों की सुरक्षा और उनकी देखरेख में खर्च करती है…लेकिन इसी भारत देश में विकास के नाम पर विनाश किया जा रहा है। क्या है पूरा मामला शुरू से बताते है।
सरकार ने नहीं सुना जानवरों का दर्द
दिल को झंकझोर कर रख देने वाली ये तस्वीरें तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के कांचा गाछीबाउली के पास के जंगल की है। हैदराबाद यूनिवर्सिटी से सटे इस जंगल में सरकारी बुल्डोजर चल रहे है। अपना घर टूटने का दर्द जंगली जानवरों की आवाज साफ बता रही है। लेकिन शायद इनका घर तोड़ने वालों को ये आवाजे सुनाई नहीं दी, और रात के अंधेरे में जंगल को बर्बाद कर दिया। क्योंकि सरकार को बेजूबानों के घर को हटाकर यहां IT पार्क और बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स बनानी है। तेलंगाना की कांग्रेस सरकार के अलावा सभी इस विरोध कर रहे है।
400 एकड़ जमीन पर बनेगा IT पार्क
तेलंगाना सरकार हैदराबाद यूनिवर्सिटी से सटी 400 एकड़ जमीन पर एक आईटी पार्क स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। 400 एकड़ भूमि की प्रस्तावित नीलामी से राज्य सरकार को 10,000 से 15,000 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है। सरकार के इस कदम से Hyderabad University के छात्र और पर्यावरण कार्यकर्ता नाराज़ हैं। छात्र संघ ने 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन और कक्षाओं के बहिष्कार करने की घोषणा की।
झड़प में लड़कियों के कपड़े फटे
तेलंगाना औद्योगिक अवसंरचना निगम यानि TGIIC ने जमीन की नीलामी के लिए पेड़ और चट्टानों को साफ करने का काम शुरू किया, तो छात्र भड़क गए, हालात तब बिगड़ गए जब जमीन को समतल करने के लिए बुलडोजर आए. इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच टकराव हुआ..पुलिस ने छात्रों के खदेड़ा..स्टूडेंट्स का आरोप है कि इस झड़प के दौरान कई लड़कियों के कपड़े फट गए। कई स्टूडेंट्स को हिरासत में ले लिया गया। इस मामले में तीन पक्ष है यूनिवर्सिटी का, सरकार का, और छात्रों का
सरकार का कहना है की
‘इस जमीन की मलिक राज्य सरकार है, प्रोजेक्ट का विरोध पूरी तरह से राजनीतिक है, इस इलाके में कोई बाघ या हिरण नहीं है।’
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हैदराबाद यूनिवर्सिटी की और से बयान जारी कर कहा गया,
‘जुलाई 2024 में राज्य सरकार द्वारा कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया युनिवर्सिटी ने इस भूमी के डिमार्केशन के लिए सहमती नहीं दी है। हैदराबाद युनिवर्सिटी अपनी जमीन वापस मांग रही है।’
वहीं छात्रों का कहना है की इस तरह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना गलत है।
मोहब्बत की दूकान UH पहुंची
विपक्षी पार्टी की भी प्रतिक्रिया सामने आई, BRS ने अपने X हैंडल पर लिखा कांग्रेस की मोहब्बत की दूकान अब हैदराबाद युनिवर्सिटी तक पहुंच गई है। राहुल गांधी हाथ में संविधान लेकर उपदेश देते नजर आते है..जबकि उनकी सरकार इसके विपरीत काम कर रही है।
कई सेलिब्रिटीज भी विवाद में कूद पड़े हैं. राहुल गांधी को भी घेरकर पूछा जा रहा है कि क्या यही है मोहब्बत की दुकान।
Hyderabad Forest Wild Animals: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
जंगल कटाई का ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है. उच्चतम न्यायालय ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को कांचा गाचीबोवली वन क्षेत्र का तत्काल दौरा करने का निर्देश दिया, और पेड़ों की कटाई पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।
क्यों नहीं बोले राहुल?
Hyderabad Forest Wild Animals: राहुल गांधी जो देश के कई मुद्दो को उठाते रहते है..सरकार को घेरते है, लेकिन इस मामले पर वे बिल्कुल चुप है। क्योंकि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है। इसलिए शायद उनको बेजुबानों की आवाज सुनाई नहीं दे रही।
वहीं केंद्र सरकार की तरफ से भी इसको लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है।