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जानिए ज्वारा से कलश स्थापना की पूरी तैयारी के बारे में
देवी आराधना का पर्व 3 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इसके पहले दिन ही घट की स्थापना की जाती है और इसके साथ ही अन्न बोने की परंपरा है। इसके लिए पहले घर की साफ-सफाई कर जरूरी सामान इकट्ठा कर लें। शक्ति पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री का उपयोग किया जा सकता है।
शक्ति पर्व की तैयारी कैसे करें
आदि शक्ति के पर्व के लिए विभिन्न सामग्रियों की जरूरत होगी। मिट्टी का कलश, दीपक, अनाज और सोलह श्रृंगार वस्तुएं खरीदना चाहिए। इस दिन घर को सजाने के लिए तोरण और रंगोली का जरूरी सामान ले जाया जा सकता है।
पूरे घर को शुद्ध करने और स्थापना की तैयारी करने के लिए बहुत ही शुभ दिन होगा, इसलिए जिस स्थान पर कलश स्थापित करना हो वहां गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें और देवी के लिए जोत रखना हो। फिर जोत को वहां रख दें। अगले दिन स्थापित करें।
शक्ति पर्व शुरू होने से पहले नाखून, बाल और दाढ़ी मुंडवा लेनी चाहिए, जैसा कि स्मृति ग्रंथों और पुराणों में कहा गया है कि नवरात्रि के दौरान नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए।
नवरात्र से पहले गृहस्थों को लहसुन-प्याज और तामसिक वस्तुओं का त्याग करना चाहिए, साथ ही हल्का भोजन भी करना चाहिए, ताकि शरीर नौ दिनों तक व्रत के लिए तैयार हो सके। देवी पूजा के नौ आवश्यक अंग हैं। इनमें कलश की स्थापना, देवी का बजोत तैयार करना, पूजा करना और अखंड दीपक जलाना, दुर्गा सप्तशती पाठ, व्रत-व्रत, हवन, कन्या पूजन, ब्राह्मण भोजन और अंत में क्षमा प्रार्थना शामिल हैं।