Hormonal Imbalance and Weight Gain: बहुत सी महिलाएं और पुरुष शिकायत करते हैं कि वे बहुत कम खाते हैं, फिर भी उनका वजन बढ़ता जा रहा है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो इसके पीछे सिर्फ डाइट या एक्सरसाइज़ की कमी नहीं, बल्कि हार्मोनल इंबैलेंस (Hormonal Imbalance) भी एक बड़ी वजह हो सकती है।
आइए जानते हैं कौन से हार्मोन वजन बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं और इस समस्या से कैसे निपटा जा सकता है।
शरीर में हार्मोन का संतुलन क्यों जरूरी है?
हमारा शरीर कई प्रकार के हार्मोन्स पर निर्भर करता है जो अलग-अलग ग्लैंड्स से निकलते हैं। ये हार्मोन ब्लड के जरिए शरीर के हर हिस्से तक पहुंचकर मेटाबोलिज़्म, ग्रोथ, इम्यून सिस्टम और इमोशन्स को नियंत्रित करते हैं।
अगर इन हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाए, तो मेटाबोलिज़्म पर असर पड़ता है और वजन तेजी से बढ़ने लगता है।

थायरॉयड हार्मोन – मेटाबोलिज्म का कंट्रोलर..
अगर थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाती है, तो मेटाबोलिज़्म धीमा हो जाता है।
इससे शरीर कैलोरी बर्न नहीं कर पाता और फैट स्टोर होने लगता है।
कम थायरॉयड (हाइपोथायरॉयडिज़्म) से जूझ रहे लोगों को वजन घटाना मुश्किल हो जाता है।
इंसुलिन – ब्लड शुगर और फैट स्टोरेज का संतुलन…
जब शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
इस स्थिति में शरीर अतिरिक्त शुगर को फैट में बदलकर स्टोर करने लगता है।
लंबे समय में यह स्थिति टाइप-2 डायबिटीज का कारण भी बन सकती है।

कॉर्टिसोल – तनाव से जुड़ा हार्मोन…
कॉर्टिसोल को “स्ट्रेस हार्मोन” कहा जाता है।
जब व्यक्ति तनाव में रहता है, तो कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है।
इससे भूख बढ़ती है और खासतौर पर पेट के आसपास फैट जमा होने लगता है।
लंबे समय तक बढ़ा हुआ तनाव वजन घटाने में सबसे बड़ी बाधा बन सकता है।
एस्ट्रोजन – महिलाओं के वजन बढ़ने का कारण…
महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गर्भावस्था या मेनोपॉज़ के दौरान तेजी से बदलता है।
इस बदलाव के कारण हिप्स, थाइज और पेट के हिस्से में फैट जमा होना शुरू हो जाता है।
यह एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन असंतुलन बढ़ने पर वजन नियंत्रण मुश्किल हो जाता है।
लेप्टिन और ग्रेलिन – भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन…
लेप्टिन हार्मोन शरीर को संकेत देता है कि पेट भर गया है।
जब यह ठीक से काम नहीं करता, तो व्यक्ति बार-बार भूख महसूस करता है और ओवरईटिंग करने लगता है।
वहीं, ग्रेलिन हार्मोन भूख को बढ़ाने का काम करता है।
अगर इन दोनों में असंतुलन हो जाए, तो वजन बढ़ना तय है।

हार्मोनल इंबैलेंस से कैसे पाएं राहत…
1. एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या डॉक्टर से जांच करवाएं।
2. हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट प्लान अपनाएं।
3. रोज़ाना एक्सरसाइज, योग या वॉक करें।
4. तनाव को मैनेज करें — ध्यान या मेडिटेशन का सहारा लें।
5. पर्याप्त और गहरी नींद लें।
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