Famous Forts Of MP: भोपाल। मध्य प्रदेश को हिंदुस्तान का दिल कहा जाता है, क्योंकि यह राज्य भारत के बीच में है। मध्यप्रदेश में कई ऐतिहासिक धरोहर हैं। तो वहीं प्राचीन किलों की बात करें तो एक से एक रहस्यमयी किले हैं जो अपनी खूबसूरत नक्काशी और बेहतरीन कारीगरी और चौकाने वाले रहस्यों से भरे हुए हैं। ये किले भारत में ही नहीं बल्कि विश्व प्रसिद्ध भी हैं। प्राकृतिक सुंदरता और यहां की सांस्कृतिक विरासत पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है इन किलों को देखने के लिए देश दुनिया से पर्यटक यहां घूमने आते है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मध्यप्रदेश में कौन से अद्भुत, रहस्यमयी, ऐतिहासिक मुख्य किले हैं।
Famous Forts Of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के 5 प्रसिद्ध किले
1.ग्वालियर का किला
Famous Forts Of Madhya Pradesh: ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश का सबसे प्रमुख किला है, जो 8वीं शताब्दी में बनाया गया था। लाल बलुए पत्थर से निर्मित यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है। यह किला अपने ऐतिहासिक महत्व और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। ग्वालियर किले के अन्दर मन मंदिर, गुजरी महल, पानी के टैंक, कर्ण, जहागीर जैसी कई संरचनायें हैं।
ग्वालियर किले की कहानी में एक और दिलचस्प पहलू है इसका संबंध रानी लक्ष्मीबाई से है, कहा जाता है कि1857 के विद्रोह के दौरान, रानी लक्ष्मीबाई ने इस किले में शरण ली थी। यह किला एक ऐसा स्थल है जो आपको आकर्षित करेगा और आपको अपनी समृद्ध इतिहास और संस्कृति के बारे में जानने का मौका देगा। यहां आप सुबह 10 बजे लेकर शाम 5:30 के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। आप यहां आने के लिए बस, ट्रेन, निजी वाहन से आ सकते हैं।
2.मांडू का किला
Famous Forts Of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के धार जिले के मांडू में एक ऐसा 700 साल पुराना रहस्यमय महल है जो अब भले ही खंडहर में बदल गया हो, लेकिन उसकी बनावट बताती हैं कि कभी अपने दौर में यह ईमारत बेहद बुलंद रही होगी। यह महल आधा जमीन के अंदर तो आधा नदी के भीतर छुपा हुआ है। नदी के किनारे सात दरवाजे वाले महल में दाखिल होने के अलग-अलग रास्ते है।
कहा जाता है कि इस रहस्यमयी महल में आज भी मंडाव के सुल्तान का अकूत खजाना छुपा हुआ है। बताया जाता है किएक नाग-नागिन का जोड़ा हमेशा मौजूद रहता हैं। जो यहां छिपे खजाने की रखवाली करता है। किसी की भी आहट पाते ही लगभग 10 फीट लम्बा नाग दरवाजे से बाहर निकल आता हैं। जिस कारण लोग दिन में भी यहां जाने से डरते हैं यह गुप्त महल सल्तनत काल में करीब 700 साल पहले सुल्तानों ने बनवाया था।
3.चंदेरी का किला
Famous Forts Of Madhya Pradesh: चंदेरी किला मध्य प्रदेश राज्य के चंदेरी शहर में बेतवा नदी के पास एक पहाड़ी के ऊपर स्थित एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक किला है। इसका उल्लेख महाभारत के महाकाव्य में भी पाया जा सकता है, जब इस क्षेत्र पर राजा शिशुपाल का शासन था। यह किला मालवा और बुंदेलखंड की सीमाओं में फैला हुआ है और इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए हरे-भरे जंगलों, शांत झीलों और राजपूतों और सुल्तानों के कई पड़ोसी स्मारकों से घिरा हुआ है। चंदेरी किले की वास्तुकला बहुत ही अद्वितीय है, और इसमें कई महल, मंदिर और जलाशय हैं। किले के तीन द्वार हैं, जिनमें से मुख्य द्वार को “खूनी दरवाजा” के नाम से जाना जाता है। यह दरवाजा अपने आप में एक ऐतिहासिक महत्व रखता है।
कहा जाता है, कि बाबर ने चंदेरी का युद्ध शेष राजपूतों के खिलाफ लड़ा। इस युद्ध में राजपूतों की सेना का नेतृत्त्व ‘मेदिनी राय खंगार’ ने किया। युद्ध इतना भीषण था कि किले के भीतर और बाहर के नरसंहार के कारण चारों तरह रक्त ही रक्त व्याप्त हो गया था। किले के बाहरी परकोटे पर मौजूद एक दरवाजे पर तो इस कदर नरसंहार हुआ कि आज उसे ‘खूनी दरवाजा’ के नाम से संबोधित किया जाता है।
4.ओरछा का किला
Famous Forts Of Madhya Pradesh: ओरछा किला मध्य प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इस किले का निर्माण वर्ष 1501 में राजा रुद्र प्रताप सिंह ने कराया था। इस किले के अन्दर भवन और मंदिर भी है। बेतवा नदी के किनारे मौजूद होने के चलते यह किला सैलानियों की पहली पसंद में शामिल रहता है। ओरछा किले में राजा महल, शीश महल, फूल बाग, राय प्रवीण महल, और जहांगीर महल जैसे कई आकर्षण हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
यहां स्थित राम मंदिर की स्थापना राजा मधुरकर सिंह ने कराई थी। कहा जाता है, कि भगवान राम को ओरछा का राजा माना जाता है। अयोध्या के अलावा ओरछा भारत का एकमात्र स्थान है, जहां भगवान राम नगरी के राजा भी हैं। कहा जाता है कि 16वीं शताब्दी में ओरछा के राजा मधुकर शाह भगवान कृष्ण के भक्त थे, जबकि उनकी पत्नी रानी कुंवर गणेश भगवान राम की भक्त थीं। इस मतभेद के कारण हमेशा विवाद होता रहता था। एक बार राजा ने रानी को चुनौती दी कि यदि राम वास्तव में हैं तो उन्हें ओरछा ले आएं। रानी अयोध्या गईं और 21 दिनों तक कठोर तपस्या करते हुए भगवान राम की पूजा की। अंत में राम अपने बाल रूप में उनके सामने प्रकट हुए और तीन शर्तों के साथ उनके साथ जाने को तैयार हो गए: पहली कि वे ओरछा के एकमात्र राजा होंगे, कोई दूसरा राजा नहीं होगा। दूसरी कि उन्हें एक बार जहां भी रखा जाएगा, वे वहीं रहेंगे और तीसरी कि वे एक निश्चित समय पर और कुछ साधुओं के साथ जाएंगे। रानी ने शर्तें स्वीकार कर लीं और इस प्रकार राम को ओरछा लाया गया। तब से राम ओरछा के एकमात्र राजा हैं।
5.गढ़कुंडार किला
Famous Forts Of Madhya Pradesh: निवाड़ी जिले में स्थित गढ़कुंडार एक ऐसा किला है, जो बेहद रहस्यमय है। कहते हैं इसमें इतना खजाना है कि भारत अमीर हो जाए। 11 वीं सदी में बना यह किला 5 मंजिल बना है। 3 मंजिल ऊपर है, जबकि 2 मंजिल जमीन के नीचे है। इतिहासकारों के मुताबिक गढ़कुंडार बेहद संपन्न और पुरानी रियासत रही है। किले के आस पास रहने वाले स्थानीय लोग कहते हैं, कि काफी समय पहले यहां पास के ही गांव में एक बारात आई थी। बारात में शामिल लोग किले में घूमने निकले थे। किले में घूमते-घूमते वो लोग तलघर में चले गए, जिसके बाद वो रहस्यमय तरीके से अचानक गायब हो गए, जिनका आज तक पता नहीं चल पाया।
कहा तो ये भी जाता है कि किले में खजाना छिपा हुआ है। यह किला एक भूल भुलैया की तरह है। इस किले में खजाने की तलाश के चक्कर में कई लोगों ने जान भी गवाई है। बाद में किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया। बिना जानकारी के अंदर जाने के बाद कोई भी यहां दिशा भूल सकता है, क्योंकि तहखाने में दिन में भी अंधेरा रहता है।