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High Court: gave four weeks time to the government
5वें वेतनमान का लाभ देने के लिए दिया समय
मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारियों को पांचवे वेतनमान का लाभ देने की याचिका पर मध्यप्रदेश HC ने शासन को 4 हफ्ते के भीतर आदेश पालन करने का निर्देश दिया है। यह आदेश नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के निज सचिव बेन्नी पी. एम. की याचिका पर HC की जबलपुर बेंच द्वारा 8 जनवरी को दिया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2025 को होगी।
याचिका करता ने नुकसान की भरपाई का किया अनुरोध
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बेन्नी पी. एम. ने 2016 में दायर अपनी याचिका में पांचवे वेतनमान से वंचित रहने और इससे होने वाले नुकसान की भरपाई का अनुरोध किया था। उनकी याचिका पर पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव,सामान्य प्रशासन विभाग को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर होने का निर्देश दिया था। 8 जनवरी को हुई सुनवाई में एस. धनराजू, कमिश्नर वाणिज्यिक कर, इंदौर ने कोर्ट से 4 महीने का समय मांगा, लेकिन कोर्ट ने 4 सप्ताह में आदेश पालन करने का आदेश दिया। अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो कमिश्नर को अगली सुनवाई में हाजिर होने को कहा गया है।
6 हजार का हो रहा हर महीने नुकसान
बेन्नी पी. एम. का मामला 1983 से जुड़ा हुआ है जब उन्हें मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ में सुपरवाइजर के पद पर नियुक्त किया गया था। संघ के परिसमापन के बाद 2000 में उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया। इस दौरान उन्हें चौथे वेतनमान का लाभ मिल रहा था। 2016 में उनका संविलियन वाणिज्यिक कर विभाग में किया गया और उन्हें छठे वेतनमान में शामिल कर लिया गया लेकिन 5वें वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया। इसके कारण उन्हें प्रतिमाह लगभग 6000 रुपये का नुकसान हुआ।
बेन्नी पीएम ने आदेश को बताया आशा की किरण
हालांकि बेन्नी पी. एम. 2022 में सेवानिवृत्त हो गए लेकिन वे इस मामले में संघर्ष जारी रखे हुए हैं और फिलहाल नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के निज सचिव के रूप में संविदा नियुक्ति पर कार्यरत हैं। बेन्नी पीएम ने इस आदेश को अपने लिए आशा की किरण बताया और उम्मीद जताई कि अब उन्हें 5वें वेतनमान का लाभ मिलेगा।