hazaribag all india chess tournament 2025 : 4 साल के बच्चे से लेकर 84 साल के बुजुर्ग तक मैदान में!
hazaribag all india chess tournament 2025 : झारखंड के हजारीबाग में इस समय शतरंज का अद्भुत उत्सव चल रहा है। 13 राज्यों से आए 600 से अधिक खिलाड़ी इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बने हैं, जो ना सिर्फ स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर हजारीबाग को स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
🎯 आयोजन की जानकारी: कब, कहां और कैसे?
प्रतियोगिता: तृतीय एचडीसीए ऑल इंडिया ओपन फाइड रेटिंग चेस टूर्नामेंट
स्थान: एंजेल हाई स्कूल, शंकरपुर, हजारीबाग
तारीख: 11 से 15 मई 2025
राउंड्स: कुल 9 राउंड
खिलाड़ी: 600+ (उम्र 4 से 84 वर्ष तक)
🧒👴 उम्र की नहीं कोई सीमा
इस प्रतियोगिता की सबसे खास बात यह है कि इसमें बच्चे, युवा, बुजुर्ग – सभी उम्र के खिलाड़ी शामिल हैं। शतरंज एक ऐसा खेल है जो बुद्धि, धैर्य और रणनीति का मेल है, और इसमें उम्र कोई बाधा नहीं बनती।
🏅 पुरस्कार राशि और सम्मान
इस टूर्नामेंट में विजेताओं के लिए कुल ₹4.5 लाख रुपये की इनामी राशि निर्धारित की गई है:
| स्थान | इनाम राशि |
|---|---|
| प्रथम | ₹71,000 |
| द्वितीय | ₹40,000 |
| तृतीय | ₹25,000 |
| चतुर्थ | ₹15,000 |
| 5वां | ₹11,000 |
| 6वां-10वां | ₹8,000 |
| 11वां-15वां | ₹6,500 |
| 16वां-25वां | ₹5,500 |
| 26वां-35वां | ₹3,500 |
🎮 तकनीक और निष्पक्षता: डिजिटल घड़ियों और तकनीकी टीम की मदद
खेल को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल घड़ियों का उपयोग किया जा रहा है। एक अनुभवी तकनीकी टीम हर चाल पर नजर रख रही है ताकि खेल के स्तर में कोई गिरावट न हो।
🚌 खिलाड़ियों की सुविधा: बस सेवा और आवास
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सभी खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था हजारीबाग पुलिस अकादमी की ओर से की गई है।
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प्रतियोगिता स्थल तक निशुल्क बस सेवा उपलब्ध कराई गई है।
🧠 खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
“यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि हजारीबाग को राष्ट्रीय शतरंज मानचित्र पर लाने की दिशा में मजबूत पहल है” – करण जायसवाल, डायरेक्टर, HDCA
“इस आयोजन से हमें ऐसा मंच मिला है, जो बड़े शहरों में भी मुश्किल होता है।”
📈 हजारीबाग में क्यों खास है यह आयोजन?
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छोटे शहर में राष्ट्रीय स्तर की आयोजन क्षमता का प्रदर्शन
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सैकड़ों परिवारों और खिलाड़ियों का जुटान, जिससे स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा
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युवाओं के लिए खेल के नए अवसरों का सृजन
हजारीबाग ने यह साबित कर दिया है कि बड़ा सपना देखने के लिए बड़े शहर की जरूरत नहीं होती। यह आयोजन सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि झारखंड के खेल भविष्य का प्रतीक बन सकता है। यहां से निकलने वाले खिलाड़ी कल भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय शतरंज पटल पर रोशन कर सकते हैं।
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