haryana farmer highway protest compensation dispute : ट्रैक्टर-ट्रॉली से दीवार खड़ी, कई हिरासत में जानें पूरा विवाद📍
haryana farmer highway protest compensation dispute : हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में मंगलवार को एक किसान ने मुआवजा न मिलने के चलते स्टेट हाईवे-6 पर कब्जा कर लिया। सड़क के बीच में ट्रैक्टर-ट्रॉली लगाकर दीवार बनानी शुरू कर दी। मामला सामने आते ही नायब तहसीलदार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन समझाइश के बावजूद किसान नहीं माने। बाद में कुछ को हिरासत में लिया गया और हाईवे से ईंटें हटाकर ट्रैफिक शुरू कराया गया।
👨🌾 किसान बलविंद्र सिंह की आपबीती
अमृतसरी फार्म के रहने वाले किसान बलविंद्र सिंह का कहना है:
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1987 में PWD ने उनकी 22 मरले ज़मीन पर सड़क बना दी
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2006 से अब तक वे कोर्ट से तीन बार जीत चुके हैं
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लेकिन सरकार मुआवजा नहीं दे रही, सिर्फ टाल रही है
बलविंद्र ने बताया, “सरकार कोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर रही है। मुझे मजबूर होकर सड़क पर कब्जा करना पड़ा।”
📜 किसान की 4 बड़ी बातें जो जानना जरूरी है:
क्रम | बात | विवरण |
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1️⃣ | 1987 में जबरन अधिग्रहण | PWD ने बिना मुआवजा दिए ज़मीन पर सड़क बना दी |
2️⃣ | 2006 में पहला केस | सिविल कोर्ट में केस किया, 2013 में मुआवजा या सड़क हटाने का आदेश मिला |
3️⃣ | 2018 में मिला कब्जा | कोर्ट ने सरकार की आपत्तियाँ खारिज कर कब्जा दिलवाया |
4️⃣ | 2023 में फिर से कब्जा छोड़ा | SDM के आश्वासन पर कब्जा हटाया, लेकिन मुआवजा नहीं मिला |
🧱 मंगलवार की बड़ी कार्रवाई
बलविंद्र और उनके साथियों ने:
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सुबह 11 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली और ईंटें लेकर पहुंचे
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डंपिंग ज़ोन के पास दीवार खड़ी करनी शुरू की
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कुछ ही देर में दोनों ओर लंबा जाम लग गया
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पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए
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आखिरकार कई लोगों को हिरासत में लिया गया
👮♂️ पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
SHO जानपाल सिंह ने कहा:
“हमने रास्ता खोलने के लिए रिक्वेस्ट की थी, लेकिन जब किसान नहीं माने तो उन्हें हिरासत में लेना पड़ा। कुछ अन्य लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।”
🏛️ PWD की सफाई: मिल चुका है 5.5 लाख मुआवजा
PWD एक्सईएन ऋषि सचदेवा ने कहा:
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“किसान को पहले ₹5,50,000 मुआवजा मिल चुका है“
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“कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाने को कहा था, जिस पर हाईकोर्ट और फिर सेशन कोर्ट से अपील की गई थी”
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“अब यदि और मुआवजा बनता है, तो उसे दिलवाने की कोशिश करेंगे”
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“कोई टकराव नहीं चाहते, लेकिन हाईवे ब्लॉक करना उचित नहीं”
⚖️ वकील का बयान: “सरकार ने कोर्ट के आदेशों की अवमानना की”
बलविंद्र सिंह के वकील मिथुन अत्रि का कहना है:
“कई बार कोर्ट के आदेशों को सरकार ने अनदेखा किया है। मुआवजा देने का वादा भी झूठा निकला। अब सेशन कोर्ट भी सरकार की अपील खारिज कर चुका है।”
❗ ये मामला क्यों है इतना अहम?
बिंदु | कारण |
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⚖️ कानूनी जीत के बाद भी न्याय नहीं | 3 बार कोर्ट का फैसला किसान के पक्ष में |
🧱 सिस्टम पर सवाल | मुआवजा तय करने में 37 साल लगना न्याय में देरी का उदाहरण |
🚧 सार्वजनिक अवरोध | हाईवे ब्लॉक से आम लोगों को हुई परेशानी |
🔁 आस्था बनाम असंतोष | किसान का न्यायिक सिस्टम से भरोसा उठना चिंताजनक संकेत |
🔚 हक के लिए हाईवे पर उतरना क्यों पड़ता है?
हरियाणा के इस मामले ने एक बार फिर “न्याय में देरी, न्याय से इनकार” वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया है। एक ओर कानून के आदेश हैं, दूसरी ओर प्रशासन की टालमटोल। जब किसान को तीन बार कोर्ट से राहत मिल चुकी है, फिर भी अगर उसे धरना देना पड़े, तो यह सिस्टम की बड़ी विफलता है।
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