महाबली हनुमान के इस प्रयोग से मिलेगा शारीरिक कष्टों और रोगों से छुटकारा
Hanuman Bahuk Stotra: शारीरिक कष्टों और रोगों से निजात पाने के लिए इस उपाय को मंगलवार को करे, मिलेगी कष्टों से आजादी.. हनुमानाष्टक, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड इनके बारे मे तो अपने सुना है.अब आपने बताते हैं हनुमान बाहुक के बारे में.
Hanuman Bahuk Stotra: गोस्वामी तुलसीदास जी ने ही हनुमानाष्टक, हनुमान चालीसा के साथ ही hanuman bahuk stotra की रचना की थी, ये बहुत शक्तिशाली है. इसकी रचना उन्होंने तब की थी जब तुलसीदास जी को खुद शारीरिक पीड़ा, वात रोग हुए तो इसके कारण शरीर की जकड़न आदि हुई. इस कष्ट से बचने के लिए तुलसीदास जी ने हनमुान बाहुक की रचना की थी. इस स्तोत्र का पाठ करने से तुलसीदास जी के शरीर के सभी कष्ट और रोग दूर हो गए थे.
Hanuman Bahuk Stotra:आज भी मौजूद हैं संकट मोचक हनुमान
हमारे शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि हनुमान जी ऐसे देवता हैं, जो धरती पर मौजूद हैं. सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा-पाठ और भक्ति करने से व्यक्ति के जीवन से सारे कष्ट और संकट दूर होते हैं.
महाबली हनुमान को अजर अमर होने का वरदान माता सीता ने भी दिया था, जब बजरंगबली लंका में मां जानकी की तलाश में पहुंचे थे और माता को प्रभु श्रीराम का दूत बनकर भगवान की मुद्रिका दी थी. तब प्रसन्न हो कर माता सीता ने कहा था कि “अजर अमर गुण निधि सुत होऊ करहु बहुत रघुनायक छोहू’’ हनुमानजी को सप्त चिरंजीवी में भी माना जाता है.
हनुमान बाहुक पढ़ने के फायदे
अगर घर में कलेश, नकारात्मक एनर्जी है तो उसके लिए आपको हनुमान बाहुक का पाठ करना चाहिए। हनुमान बाहुक पढ़ने से घर से नेगटिव एनर्जी चली जाती है, धन, संतान, नौकरी, बीमारी आदि सभी समस्याओं का समाधान हनुमान बाहुक का पाठ करने से हो सकता है। यदि हम शास्त्रानुसार हनुमान बाहुक का पाठ करे तो हमारे जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं से राहत मिलती है, और रुके हुए सभी काम पूरे होते है.
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हनुमान बाहुक स्तोत्र का पाठ कैसे करें
अब जान लीजिए अगर आपको शारीरिक कष्टों और रोगों से छुटकारा पाने के लिए क्या करना है. इसकी शुरूआत मंगलवार के दिन से करें स्नान आदि के बाद एक कलश जल, पूजन सामग्री लेकर अपनी पूजा स्थान में बैठ जाएं. एक लाल कपड़े पर हनुमान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। हनुमानजी को अबीर, गुलाल आदि चढ़ाएं और लाल फूल अर्पित करें। गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं तो पाठ के अंत तक जलता रहे।
Hanuman Bahuk Stotra: घर में बने शुद्ध घी के चूरमे का भोग लगाएं। अगर संभव न हो तो गुड़-चने का भोग भी लगा सकते हैं। सामने एक लोटा जल भरकर उसमें तुलसी का पत्ता डाल दें. इसके साथ ही स्तुति करें. इसके बाद तुलसी के पत्ते के साथ ही इस जल को खुद ही ग्रहण कर लें. ऐसा करने से सभी शारीरिक कष्ट और रोगों से मुक्ति मिलती है. अपने कुलदेवता, इष्ट का ध्यान कर प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करें, कि हनुमान बाहुक स्तोत्र के पाठ से सभी रोग कष्ट का निवारण हो।
हनुमान बाहुक का पाठ कितने दिन करें
गठिया या वात रोग से पीड़ित लोग, सिर दर्द, जोड़ों के दर्द और गले की समस्या से परेशान लोगों को हनुमान बाहुक का पाठ 21 या 26 दिन तक लगातार करना चाहिए। अगर रोज पाठ करना संभव न हो तो सिर्फ मंगलवार को भी हनुमान बाहुक का पाठ कर सकते हैं।
Hanuman Bahuk Stotra:क्या महिलाए हनुमान बाहुक का पाठ कर सकती हैं
Hanuman Bahuk Stotra: जी हां महिलाएं भी इसका पाठ कर सकती हैं बजरंग बाण को छोड़कर महिलाएं हनुमानाष्टक, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं। साथ ही हनुमानजी को सुबह-शाम धूप, दीप व पुष्प अर्पित कर सकती हैं। इसे लेकर कोई महिलाओं पर कोई पाबंदी नहीं है।
कलयुग में सबसे जल्द प्रशन्न होने वाले बजरंगबली अपने भक्तों पर शीघ्र कृपा करते हैं. हनुमान बाहुक स्तोत्र के पाठ से आप सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं. जय श्री राम
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