greta thunberg israel hijack gaza aid ship : गाजा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे जहाज को किया जब्त
greta thunberg israel hijack gaza aid ship : स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को इजराइल ने सोमवार को हिरासत में लेकर स्वीडन भेज दिया। वह गाजा के लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर समुद्र के रास्ते से जा रही थीं। इजराइल की सेना ने ‘मैडलीन’ नामक जहाज को कब्जे में लिया, जिसमें ग्रेटा सहित 12 लोग सवार थे। इस जहाज पर खाद्य सामग्री, दवाइयां, बच्चों के लिए दूध, डाइपर और वाटर प्यूरीफायर जैसी राहत सामग्री लदी हुई थी।
गाजा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रही थीं ग्रेटा
ग्रेटा थनबर्ग ने 1 जून को इटली के तट से ‘मैडलीन’ जहाज के माध्यम से गाजा के लोगों के लिए राहत सामग्री भेजने की योजना बनाई थी। उनका उद्देश्य मानवीय सहायता प्रदान करना था, लेकिन इजराइल ने इसे अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में रोक लिया। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने एक वीडियो जारी कर बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें सैंडविच और पानी मुहैया कराया गया है। मंत्रालय ने इसे ‘शो खत्म’ करार दिया।
इजराइल की कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इजराइल की इस कार्रवाई पर तुर्की, ईरान और स्पेन ने आलोचना की है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और समुद्री सुरक्षा को खतरे में डालने की बात कही। ईरान ने इसे ‘समुद्री डकैती’ करार दिया, जबकि स्पेन ने भी इस घटना को लेकर इजराइल के राजनयिक को तलब किया है। स्पेन के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को लेकर आपत्ति जताई है, क्योंकि जहाज पर एक स्पेनिश नागरिक भी सवार था।
ग्रेटा की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव
ग्रेटा और उनके साथियों ने हिरासत में लिए जाने के बाद वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय जल में इजरायली बलों ने अगवा किया है। उन्होंने रिहाई के लिए परिवार और स्वीडिश सरकार से मदद मांगी थी। इजराइल की इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी आलोचना की है और ग्रेटा की रिहाई की मांग की है।
कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मचा दी
इजराइल की इस कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मचा दी है। ग्रेटा थनबर्ग का उद्देश्य केवल गाजा के लोगों के लिए मानवीय सहायता प्रदान करना था, लेकिन इजराइल ने इसे अपनी सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखा। इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में मानवीय सहायता मिशन को किस हद तक रोका जा सकता है। अब देखना यह है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया क्या होगी और क्या इजराइल अपनी कार्रवाई पर पुनर्विचार करेगा।
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