अगली सुनवाई 18 फरवरी को

Toxic waste in Pithampur:यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई पूरी की. मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी. इस दौरान सरकार ने हलफनामा प्रस्तुत करते हुए ज़हरीले कचरे के निपटारे के लिए और समय मांगा.
Toxic waste in Pithampur:कचरा जलाने के फैसले पर सुनवाई
अदालत में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा, ‘3 दिसंबर को हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीले कचरे को हटाने के लिए चार हफ्ते की समय-सीमा तय की थी। सरकार को चेतावनी भी दी थी कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना की कार्यवाही की जाएगी। इसलिए हमें 6 सप्ताह का समय दिया जाए।’ इस तर्क को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 18 फरवरी दी है।
Toxic waste in Pithampur:कंटेनर खाली करने की अनुमति बरकरार
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा, ‘हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि यूनियन कार्बाइड का रासायनिक कचरा वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाए। उसी आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस, डॉक्टर और प्रशिक्षित लोगों की टीम के जरिए इसे कंटेनरों में पैक किया और पीथमपुर ले गए। इससे पहले कि इस रासायनिक कचरे को नष्ट किया जाता, पीथमपुर के आसपास जनता ने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। इसकी वजह कुछ अफवाहें और फर्जी खबरें रहीं। राज्य सरकार पीथमपुर में जनता को शांत करने और समझाने के लिए 6 सप्ताह का समय चाहती है।’
Toxic waste in Pithampur:तीन स्टेप में पूरी होगी प्रोसेस
यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर भोपाल गैस पीड़ित संघ के सदस्य आलोक प्रताप सिंह ने भी साल 2004 में एक याचिका लगाई थी। उनकी तरफ से सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ आज कोर्ट में उपस्थित रहे।
Toxic waste in Pithampur:इंदौर के संगठन ने दायर की है याचिका
संबंधित याचिका इंदौर की एमजीएम एलुमिनाई एसोसिएशन ने इंदौर खंडपीठ में 28 दिसंबर को दायर की थी। जहां से इसे जबलपुर खंडपीठ में ट्रांसफर किया गया है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव धनोदकर का कहना है कि सरकार ने इंदौर और पीथमपुर की जनता को भरोसे में लिए बिना यह एकतरफा कदम उठाया है। इंदौर से पीथमपुर की दूरी सिर्फ 30 किलोमीटर है। ऐसे में अगर 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा यहां रखा जाता है तो यह दोनों शहरों की जनता के लिए हानिकारक साबित होगा। इसे वापस भोपाल ले जाना चाहिए।
Toxic waste in Pithampur:रामकी फैक्ट्री के आसपास कड़ी सुरक्षा
सुनवाई के मद्देनजर पीथमपुर में रामकी एनवायरो फैक्ट्री के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। तारपुरा गांव में दो अस्थायी पुलिस चौकियां बनाई गईं। पुलिस लगातार इलाके में गश्त करती रही। वज्र वाहन और फायर फाइटर भी अलर्ट पर रहे।