GOPAL MANDIR: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को इंदौर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले गोपाल मंदिर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की और मंदिर परिसर में चल रहे विकास और जीर्णोद्धार कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर में नवनिर्मित सभागृह को “गीता भवन” के रूप में विकसित किया गया है। यह भवन 500 सीटों का होगा और इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। गीता जयंती के अवसर पर एक दिसंबर को इसे जनता के लिए समर्पित किया जाएगा।
GOPAL MANDIR: सांस्कृतिक और अध्यात्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देना

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सभागृह धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा और प्रदेश के प्रत्येक जिले में गीता भवन विकसित करने की योजना है। उनका उद्देश्य धार्मिक, सांस्कृतिक और अध्यात्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
गौरवशाली स्वरूप में पुनर्स्थापित करने के निर्देश दिए
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ स्नेहपूर्वक संवाद किया और मंदिर के आसपास के दुकानदारों से भी चर्चा की। उन्होंने मंदिर को इसके प्राचीन और गौरवशाली स्वरूप में पुनर्स्थापित करने के निर्देश दिए।
सुविधाओं के लिए धन्यवाद जताया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का लाड़ली बहनों और स्वच्छता दीदियों ने पुष्पगुच्छ और पुष्पमालाओं से स्वागत किया। लाड़ली बहनों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि उन्हें हर माह 1500 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। वहीं स्वच्छता दीदियों ने नगर निगम के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के लिए धन्यवाद जताया।
GOPAL MANDIR: सामाजिक समर्पण का प्रतीक बनकर सामने आया
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने न केवल मंदिर और उसके विकास कार्यों का निरीक्षण किया, बल्कि आम नागरिकों, बच्चों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलकर उनके कार्यों की सराहना भी की। यह कार्यक्रम धार्मिक और सामाजिक समर्पण का प्रतीक बनकर सामने आया।
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह दौरा धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा और इसने गोपाल मंदिर के महत्व और स्थानीय समुदाय के सहयोग को उजागर किया।
