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आने वाले दिनों में भारत में निवेश की उम्मीद
जर्मनी को उम्मीद है कि भारत में उत्पादन बढ़ने से चीन पर उसकी निर्भरता कम होगी, भले ही भारत नया चीन न बन जाए। छह साल में भारत में जर्मन कंपनियों का निवेश साढ़े चार लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। जो अब से दोगुना है। कारों से लेकर लॉजिस्टिक्स तक, जर्मन कंपनियों को भारत की तेज आर्थिक विकास संभावनाओं से बहुत उम्मीदें हैं। जर्मनी भारत की कुशल युवाओं की बड़ी आबादी, कम लागत और साथ ही लगभग 7% आर्थिक विकास का लाभ उठाना चाहता है।
जर्मनी के चांसलर शुल्ज की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब जर्मनी की निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था लगातार दूसरे साल मंदी का सामना कर रही है। जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स डीआईएचके में विदेश व्यापार के प्रमुख वोल्कर ट्रायर ने कहा कि 2022 में भारत में जर्मनी का प्रत्यक्ष निवेश 27 अरब डॉलर था।
59% जर्मन कंपनियां की तेजी से विस्तार करने की प्लानिंग
भारत का बाजार बहुत बड़ा है। दुनिया में आर्थिक विकास की दर सबसे अधिक है, श्रम की कोई कमी नहीं है, उत्पादन की लागत भी यूरोप की तुलना में कम है। जर्मनी की 82 प्रतिशत कंपनियों को उम्मीद है कि अगले पांच साल में भारत में उनका राजस्व तेजी से बढ़ेगा। यह वृद्धि यूरोप और चीन की तुलना में अधिक होगी। 59% कंपनियां वर्तमान में भारत में अपनी निवेश योजनाओं का विस्तार कर रही हैं।