भारत में निवेश करने वाला वह व्यक्ति या संस्था जो मूल रूप से भारत की नहीं होती उन्हें विदेशी संस्थागत निवेशक
कहते हैं I भारतीय शेयर बाजाऱ में लगातार बने विकास के लक्षण और उछाल के चलते ऐसे लोग या संस्था लगातार
निवेश करते रहते हैं ताकि इन्हे अच्छा रिटर्न्स मिल सके I लेकिन पिछले 10 दिनों से हालत कुछ बदले बदले से नज़र
आ रहे हैं और इन विदेशी निवेशकों का रुझान चीन के बाज़ारों में ज़्यादा दिख रहे है I
इस रुझान की मुख्य वजह चीन सरकार द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को दिया जा रहा राहत पैकेज है जिसकी वजह से
यह निवेशक भारत से पैसा निकालकर चीन के बाजाऱ में निवेश कर रहे हैं I अगर 1 अक्टूबर से बीते कारोबारी दिन
तक की बात करें तो विदेशी निवेशकों ने कुल 54232 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं और इसमें सबसे ज़्यादा बिकवाली
4th और 7th अक्टूबर को देखी गई जिसके वजह से भारतीय शेयर बाजाऱ में भारी गिरावट देखी गई I
हालांकि एक्सपर्टस की माने तो सितम्बर से भारतीय शेयर बाजाऱ में घरेलू निवेशकों क निवेश बढ़ रहा है इसी वजह
से भारतीय शेयर बाजाऱ में ज़्यादा गिरावट नहीं देखी गई है और बाजाऱ काफी स्थिर दिख रहा है और विदेशी निवेशकों
पर निर्भरता भी कम हुई है I
भारतीय बाजाऱ विदेशी निवेशकों पर बहुत निर्भर करता था लेकिन अब यह सब बदल रहा है पहले विदेशी निवेशकों को जहाँ ज़्यादा फायदा दिखता था वो तुरंत उस ओर भाग जाते थे जिससे बाजाऱ पर अनावशयक दबाव बनता है लेकिन अब स्थितियाँ भिन्न है I घरेलू निवेशकों के चलते और भारतीय कंपनियों केअच्छे परफॉरमेंस और ग्रोथ ट्रैक के कारण और सहायक सरकारी नीतियों के चलते अब भारत को नज़र अंदाज करनाकिसी के लिये भी संभव नहीं है I