
Meher Afroz Arrested: देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप
Meher Afroz Arrested: बांग्लादेश की मशहूर अभिनेत्री मेहर अफरोज शॉन को पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में ढाका में गिरफ्तार किया है। अफरोज मशहूर बांग्लादेशी लेखक हुमायूं अहमद की पत्नी हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने अभिनेत्री को गुरुवार शाम राजधानी के धानमंडी इलाके से गिरफ्तार किया। अफरोज के फेसबुक पेज पर उसने मोहम्मद यूनुस सरकार और खासकर उसके प्रेस सलाहकार की आलोचना की।
अफरोज को गुरुवार रात धानमंडी में गिरफ्तार किया
खुफिया शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रेजाउल करीम मलिक ने बताया कि आरोपी को बृहस्पतिवार रात धानमंडी में गिरफ्तार किया गया। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। खबरों के मुताबिक, वह मोहम्मद यूनिस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की आलोचक थीं। मेहर अफरोज शॉन न केवल बांग्लादेश की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं, बल्कि एक निर्देशक, नर्तक और पार्श्व गायिका भी हैं। 2016 में, उन्होंने फिल्म ‘कृष्णापोक्खो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला गायिका का बांग्लादेश राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।
मेहर राजनीतिक परिवार से आती हैं
राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली मेहर को जमालपुर में उनके पैतृक घर पर हमले और आग लगाने के कुछ घंटों बाद गिरफ्तार किया गया था। खबरों के मुताबिक, छात्रों और स्थानीय निवासियों ने गुरुवार शाम करीब 6 बजे जमालपुर के नौंडी रेलवे स्टेशन के पास उनके पैतृक घर में आग लगा दी। यह घर उनके पिता इंजीनियर मोहम्मद अली का था। जिन्होंने पिछले राष्ट्रीय चुनावों में अवामी लीग से नामांकन मांगा था। उनकी मां बेगम ताहुरा अली ने आरक्षित महिला सीट से संसद में दो कार्यकाल पूरे किए। अभिनेत्री ने पिछले चुनाव में अवामी लीग के उम्मीदवार के रूप में आरक्षित संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ा था।
भीड़ ने शेख हसीना के पिता के घर में भी आग लगाई
यह घटना ढाका में हुई एक घटना के बाद सामने आई थी। बुधवार को बांग्लादेश की संस्थापक नेता और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी। भीड़ बुलडोजर के साथ धानमंडी 32 पर इकट्ठा हुई और मकान गिराने की धमकी दी। इसके अलावा मुख्य दरवाजा तोड़कर संपत्ति में आग लगा दी। हमलावरों ने घर को तानाशाही का प्रतीक बताते हुए कहा कि हम देश में मुजीबवाद के प्रतीकों को मिटाना चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के खिलाफ नारे लगाए, जो अपनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़कर भारत चली गई थीं।