2023 में हेलमेट न पहनने की वजह से 54,568 लोगों की मौत
यह सिर्फ खबर नहीं है बल्कि यह उन माता-पिता के लिए एक चेतावनी है जो अपने 18 साल से कम उम्र के बच्चों को बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने की अनुमति देते हैं।
2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 18 वर्ष से कम आयु के 9,489 बच्चों की मृत्यु हो गई, जिसका अर्थ है कि देश ने हर दिन 26 बच्चों को खो दिया। यह पूरे वर्ष के दौरान दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले कुल लोगों का 5.49% है।
दुख की बात यह है कि इनमें से 2,537 बच्चों की मौत बिना लाइसेंस के ड्राइविंग दौरान हुई यानी हर दिन करीब 7 ‘नाबालिग ड्राइवर’ अपनी जान गंवाते हैं। हादसों में 4,242 बच्चों की यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 2,232 बच्चे पैदल चलते हुए सड़कों पर कुचल गए।
सड़क परिवहन मंत्रालय की रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया-2023 रिपोर्ट के लिए जुटाए गए आंकड़ों में यह तस्वीर सामने आई है। जल्द ही रिपोर्ट जारी होने वाली है। भास्कर ने यह डेटा विभिन्न राज्यों से संकलित किया है। इन आंकड़ों के मुताबिक 2023 में हेलमेट न पहनने की वजह से 54,568 मौतें हुईं।
2023 में बच्चों की मौत की संख्या 2022 की तुलना में कम होगी, सड़क दुर्घटनाओं में बच्चों की मौत की संख्या 2022 की तुलना में 39 कम है। 2022 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 9,528 बच्चों की जान चली गई। देश में प्रति घंटा औसतन 55 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिसमें 20 लोगों की जान चली गई है।
2022 की तुलना में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 4.2% और मौतों में 2.6% की वृद्धि हुई है। देश में सबसे अधिक 13.7% मौतें यूपी में हुईं और तमिलनाडु लगातार छठे वर्ष सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में नंबर एक रहा। यदि हम वर्ष 2023 के दौरान आयु-वार सड़क दुर्घटनाओं को देखें, तो सबसे अधिक 66.4% मौतें 18-45 वर्ष के आयु वर्ग में हुईं।
35 वर्ष से कम आयु के लोग कुल मौतों का 50.5% हिस्सा हैं। सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों में 31.5% शहरी और 68.5% ग्रामीण थे। 85.8% पुरुष थे और 14.2% महिलाएं थीं।