Entertainment News in Hindi: इतना सन्नाटा क्यों है भाई’ ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा। 52 साल की उम्र में बॉलीवुड डेब्यू करने वाले ए.के. हंगल साहब की आज 12वीं पुण्यतिथि है। ऐसे कलाकार जिनको फिल्मों से इतना प्यार था की लगान फिल्म के सेट पर एंबुलेस में गए।
थिएटर से की शुरुआत
किशन हंगल भारतीय सिनेमा के उन महान कलाकारों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग से फैंस का दिल जीता। 1917 में जन्मे किशन हंगल ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। लेकिन सिनेमा में उनको एक अलग पहचान दिलाई।
हंगल का फिल्मी करियर 1960 के दशक में शुरू हुआ। वे कई मेन कैरेक्टर्स में नजर आए और उनकी एक्टिंग ने कई फिल्मों को हिट बना दिया। उनकी एक्टिंग की खासियत थी कि वे किसी भी कैरेक्टर में पूरी तरह से घुल-मिल जाते थे, चाहे वह एक कठोर पिता का किरदार हो या एक प्यारे से दादा जी का। उनके नेगेटिव किरदार भी लोगों को काफी पसंद आते थे।
Read More- Financial Freedom : 9 आदतें जो दे सकती हैं आपको वित्तीय स्वतंत्रता
Entertainment News in Hindi: किशन हंगल की फिल्में
किशन हंगल ने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें “दीवार” (1975), “शोले” (1975), “मधुमती” (1958), और “सत्ते पे सत्ता” (1982) शामिल हैं। उनकी “शोले” में निभाया गया कैरेक्टर “राधे” एक क्लासिक उदाहरण है, जिसने उनको नए मुकाम पर पहुंचा दिया।
हंगल बड़े पर्दे ही नहीं बल्कि भारतीय थिएटर के भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे और उन्होंने कई नाटकों में अपनी एक्टिंग से लोहा मनवाया। उनकी गहरी आवाज और उनकी एक्टिंग में चार चांद लगा दिए थे। फिल्मी जिंदगी के अलावा वे पर्सनल में भी बेहद सरल स्वभाव के थे। जिन्होंने अपने आखिरी दिनों में सादा जीवन जीने की कोशिश की। उनकी सादगी और स्वभाव ने उन्हें इंडस्ट्री में एक विशेष स्थान दिलाया।
Read More- BCCI New Secretary : अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली होंगे BCCI के सचिव
Entertainment News in Hindi: हंगल के बिना सिनेमा अधूरा
किशन हंगल का निधन 26 अगस्त 2012 को हुआ, लेकिन उनकी फिल्मों और उनकी एक्टिंग की यादें आज भी जीवित हैं। उनके योगदान के बिना भारतीय सिनेमा का इतिहास अधूरा रहेगा। उनकी कला और उनकी उपस्थिति ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और वे हमेशा भारतीय सिनेमा के एक अमूल्य हिस्से के रूप में याद किए जाएंगे।
