
Josh Cobb Retires
England Cricketer Cobb Retires: आईपीएल 2025 के आगाज से पहले इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिकेटर जोश कोब ने प्रोफेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। साल 2007 में 17 साल की उम्र में लीसेस्टरशायर के लिए डेब्यू करने वाले कोब ने अपने करियर में 13152 रन बनाए साथ ही 133 विकेट लिए।
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2 बार टी-20 ब्लास्ट फाइनल में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ रहने वाले एकमात्र खिलाड़ी जोश कोब ने प्रोफेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। रिटायरमेंट के बाद कोब वारविकशर में बॉयज एकेडमी के प्रमुख के रूप में नई भूमिका निभाएंगे। उसके क्लब के डेवलेपमेंट और प्रगति की देखरेख करेंगे।
2007 में किया था डेब्यू..
जोश कॉब ने महज 17 साल की उम्र में 2007 में लीसेस्टरशर से अपने करियर की शुरुआत की थी। अपने अब तक के करियर में उन्होंने 448 प्रोफेशनल मैच खेले हैं। जिसमें उन्होंने लगभग 13152 रन बनाए हैं। और बतौर स्पिन गेंदबाज 133 विकेट लिए हैं। कॉब साल 2008 में सुर्खियों में आए जब उन्होंने लॉर्ड्स में मिडिलसेक्स के खिलाफ नाबाद 148 रनों की पारी खेली थी और सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले खिलाड़ी बने थे।
2 बार फाइनल में कमाल दिखाया..
कॉब ने नॉर्थम्पटनशायर और वॉर्सेस्टरशायर का प्रतिनिधित्व किया। वह 2013 में ढाका ग्लेडिएटर्स के साथ बांग्लादेश प्रीमियर लीग के विजेता बनने का अनुभव उनके करियर का अहम पल रहा। और हंड्रेड में वेल्श फायर की कप्तानी भी की। इसके अलावा वह 2 बार T20 ब्लास्ट फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच भी चुने गए।
पिता रसेल के नक्शेकदम में चल रहें कॉब
टॉम कोहलेर-कैडमोर (Tom Kohler-Cadmore) ने न केवल क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि अपने पिता रसेल कोहलेर के नक्शेकदम पर चलते हुए कोचिंग में भी कदम रखा है। उनके पिता रसेल एक अनुभवी कोच हैं और लॉफबोरो यूनिवर्सिटी में UCCE सेट-अप (University Centre of Cricket Excellence) चला रहे हैं।
टॉम को इस दिशा में कदम रखने का मौका तब मिला जब उन्होंने पिछले सितंबर में इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के साथ वनडे सीरीज के दौरान करीब दो हफ्ते काम किया था। यह मौका उन्हें अपने पूर्व साथी एंड्रयू मैकडोनाल्ड की मदद से मिला, जो लीसेस्टरशायर टीम का हिस्सा थे।
रिटायरमेंट के बाद जोश कॉब का बयान…
कोब ने रिटायरमेंट लेने के बाद कहा कि “18 साल पहले डेब्यू करने के बाद से यह बहुत ही मजेदार सफर रहा है, जिसमें बहुत सारे उतार-चढ़ाव आए हैं.मैं उन लोगों के लिए बहुत आभारी हूं जिनसे मैं मिला हूं, जिन जगहों की यात्रा की है और सालों में जो यादें बनाई हैं.क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया है.18 साल की उम्र में लॉर्ड्स में अपना पहला शतक बनाना और दो बार टी20 ब्लास्ट फाइनल जीतना कुछ ऐसी यादें हैं, जिन्हें मैं हमेशा संजो कर रखूंगा. मेरी चुनौती घरेलू खिलाड़ियों को डवलप करना है जो बियर्स और इंग्लैंड के लिए खेल सकें.मैं वारविकशर जैसे शानदार क्लब में एकेडमी का नेतृत्व करने के मौके से उत्साहित हूं, जिसने काफी सफलता हासिल की है”