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कॉलेजों से पोस्टर हटने के बाद नतीजे होंगे घोषित
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। डीयू कॉलेज में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचता है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन ने कहा कि जब तक यूनिवर्सिटी कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर देती, तब तक रिजल्ट की घोषणा नहीं की जानी चाहिए। कॉलेजों से सभी पोस्टर, होर्डिंग और प्ले कार्ड हटाए जाएं। चुनाव अधिसूचना के मुताबिक चुनाव परिणाम 28 सितंबर को घोषित किए जाने थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव के लिए शुक्रवार सुबह 8.30 बजे मतदान शुरू हो गया। 52 कॉलेजों के करीब 1.40 लाख छात्र चार केंद्रीय पदों (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव) के लिए ईवीएम के माध्यम से मतदान कर सकेंगे। DU छात्रसंघ चुनाव परिणाम पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 4 पदों के लिए मतदान आजचुनाव दो चरणों में हो रहे हैं। कॉलेज के छात्रों ने सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक मतदान किया। शाम के कॉलेजों के छात्र 3 से 7:30 बजे तक मतदान करेंगे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया और वाम दलों आइसा, एसएफआई के उम्मीदवार चार पदों के लिए मैदान में हैं। कुल 21 उम् मीदवार चुनाव मैदान में हैं। अध्यक्ष पद के लिए आठ, उपाध्यक्ष पद के लिए पांच, संयुक्त सचिव पद के लिए चार और सचिव पद के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं।
4 पदों के लिए कांटे की टक्कर
अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के ऋषभ चौधरी, एनएसयूआई के रौनक खत्री और आइसा की सेवी गुप्ता चुनाव मैदान में हैं। ऋषभ चौधरी हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं। वह श्याम लाल कॉलेज से स्नातक हैं और बौद्ध अध्ययन के छात्र हैं। इस बीच, सावी गुप्ता कानून की पढ़ाई कर रही हैं। एबीवीपी के भानु प्रताप सिंह, एनएसयूआई के यश नांदल और आइसा के आयुष मंडल उपाध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं।