न्यायपालिका को बदनाम करने की हिम्मत कैसे हुई?
kiren rijiju Ruckus parliament: संसद के शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन शुक्रवार को बेहद गर्मागरम रहा। लोकसभा में उस समय माहौल अचानक तनातनी में बदल गया, जब तमिलनाडु से DMK सांसद टी.आर. बालू ने एक बहस के दौरान एक हाईकोर्ट जज को “RSS जज” कह दिया। इस टिप्पणी ने सदन में तत्काल विवाद खड़ा कर दिया। केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने बालू की बात पर कड़े शब्दों में आपत्ति जताई और इसे संसद की गरिमा के खिलाफ बताया।
आप जज पर ऐसा आरोप कैसे लगा सकते हैं?
बालू की टिप्पणी सुनते ही रिजिजू तिलमिला उठे और कहा
आप एक जज को RSS का जज कैसे कह सकते हैं? यह पूरी तरह असंसदीय है। न्यायपालिका पर इस तरह आरोप लगाने का आपको कोई अधिकार नहीं है। तुरंत माफी मांगिए। न्यायपालिका को बदनाम करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई?
रिजिजू ने यह भी कहा कि संसद में बैठकर ऐसी टिप्पणियां करना न केवल परंपरा के खिलाफ है, बल्कि इससे देश की संस्थाओं की साख पर भी असर पड़ता है।
राज्यसभा में विपक्ष ने इंडिगो संकट पर जवाब मांगा
इधर राज्यसभा में विपक्ष ने देशभर में इंडिगो की उड़ानों के लगातार रद्द होने और स्टाफ की भारी कमी पर सरकार से जवाब तलब किया। इस पर रिजिजू ने बताया नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू हालात की समीक्षा कर रहे हैं। सरकार यह देख रही है कि इंडिगो को किस तरह की सहायता दी जा सकती है। बाहरी तौर पर यह मुद्दा अब एक बड़े आर्थिक और प्रशासनिक संकट के रूप में भी उभर रहा है।
प्रियंका और राहुल गांधी ने मोनोपोली मॉडल का आरोप लगाया
सदन के बाहर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि इंडिगो की यह स्थिति सरकार की उन नीतियों का परिणाम है जिससे देश की प्रमुख सेवाओं को कुछ चुनिंदा हाथों में सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा
सरकार ने लगभग हर सेक्टर चंद लोगों को दे दिया है। यह अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र दोनों के लिए खतरनाक है।
इससे पहले राहुल गांधी ने X पर लिखा था कि इंडिगो की विफलता इस सरकार के मोनोपोली मॉडल की कीमत है, जिसे जनता भुगत रही है।
वक्फ रजिस्ट्रेशन विवाद: रिजिजू का साफ संदेश
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि वक्फ संपत्तियों के UMEED पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाई नहीं जाएगी। हालाँकि, उन्होंने राहत देते हुए कहा कि जिन्होंने प्रयास किया लेकिन दस्तावेज़ पूरे नहीं कर पाए, उन्हें तीन महीने तक जुर्माना या कठोर कार्रवाई नहीं होगी। सुबह तक 1.51 लाख संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका था। रिजिजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी समय सीमा बढ़ाने से पहले ही मना कर चुका है। कर्नाटक इस काम में सबसे आगे रहा, जहां लगभग 50,000 संपत्तियां पोर्टल पर दर्ज हुईं।
शीतकालीन सत्र: कई नए बिल पेश किए जाएंगे
सत्र के पांचवें दिन विपक्ष ने दिल्ली के एयर पॉल्यूशन पर चर्चा की मांग करते हुए सदन के बाहर गैस मास्क पहनकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस बीच सरकार ने संकेत दिया है कि सत्र के दौरान 10 नए बिल पेश किए जाएंगे।
