Banke Bihari Temple Incident: बृज की शांत और भक्तिमय गलियों में स्थित वृंदावन का प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर आज उस समय हंगामे का केंद्र बन गया जब बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। उनकी लोकप्रियता और उनके समर्थकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने मंदिर प्रशासन के लिए भारी चुनौती खड़ी कर दी।
जैसे ही वे VIP प्रवेश द्वार से अंदर दाखिल हुए, वहां पहले से मौजूद श्रद्धालुओं के साथ उनके समर्थकों की भीड़ अचानक कई गुना बढ़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्थिति कुछ ही मिनटों में इतनी बिगड़ गई कि गर्भगृह के पास अत्यधिक दबाव बन गया और मंदिर की सामान्य व्यवस्था पूरी तरह टूट गई।
सेवायतों और पुलिस के बीच झड़प
भीड़ पर नियंत्रण पाने के प्रयास में सेवायतों और पुलिस के बीच तीखी झड़प शुरू हो गई, जिसमें धक्का-मुक्की और नोकझोंक के हालात बन गए। विवाद इतना बढ़ा कि कुछ सेवायतों के कपड़े तक फट गए। सेवायतों ने पुलिस पर “अभद्रता” और “मारपीट” का आरोप लगाया, वहीं पुलिस का कहना है कि स्थिति संभालने के लिए उन्हें “जरूरी सख्ती” करनी पड़ी।

Banke Bihari Temple Incident: क्यों बिगड़ा माहौल?
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की विशेष पदयात्रा का समापन आज बांके बिहारी मंदिर में होना था। इस घोषणा के चलते सुबह से ही परिसर में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। लेकिन जैसे ही शास्त्री मंदिर पहुंचे, उनकी झलक पाने के लिए लोग आगे बढ़े और मंदिर परिसर में जगह-जगह घनी भीड़ जमा हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगमन ने मंदिर में भीड़ का दबाव “प्रचंड” स्तर तक बढ़ा दिया, जिसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल था। सेवायतों ने बताया कि वे गर्भगृह के पास पवित्रता और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भीड़ को रोकने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान पुलिस ने एक साथ दबाव बनाया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बरती सख्ती
पुलिस अधिकारियों का तर्क है कि अचानक दबाव बढ़ने से भगदड़ जैसी स्थिति बन सकती थी, इसलिए उन्होंने भीड़ को पीछे धकेलने और रास्ता साफ करने के लिए कड़े कदम उठाए। लेकिन इस दौरान कई सेवायतों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई।

Banke Bihari Temple Incident: कई सेवायत हुए आक्रोशित
शास्त्री के प्रवेश करते ही मंदिर परिसर में स्थिति इतनी तेजी से बिगड़ी कि कुछ ही पलों में हालात अनियंत्रित हो गए। गर्भगृह के पास खड़े सेवायतों का कहना था कि पुलिस ने भक्तों को हटाने के बहाने उनसे धक्का-मुक्की की, जिससे कई सेवायतों के कपड़े फट गए और वे घायल भी हुए।
वहीं पुलिस की ओर से कहा गया कि भीड़ की तीव्रता इतनी अधिक थी कि किसी भी तरफ से नियंत्रण करना चुनौतीपूर्ण था। पुलिस ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर पुलिस के काम में बाधा डाल रहे थे, जिससे तनाव बढ़ा।
मंदिर प्रशासन के एक सदस्य ने बताया कि शास्त्री की लोकप्रियता को देखते हुए पहले से ही सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की जानी चाहिए थी, लेकिन प्रशासन की ओर से यह तैयारी अपर्याप्त रही।
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मंदिर प्रबंधन पर पहले से उठ रहे सवाल
Banke Bihari Temple Incident: यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब बांके बिहारी मंदिर की व्यवस्था, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में मंदिर में बढ़ती भीड़, संकरी संरचनात्मक डिजाइन और गर्भगृह में अत्यधिक दबाव की वजह से अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
ग़ैर-सरकारी संस्थाएं, धार्मिक संगठन और सुरक्षा एजेंसियां कई बार भीड़ प्रबंधन सुधार, कॉरिडोर निर्माण और दर्शन व्यवस्था में तकनीकी बदलाव की मांग उठा चुकी हैं।
इसी बीच, मंदिर समिति और सेवायत समुदाय (गोस्वामी परिवार) के बीच भी लंबे समय से हितों को लेकर मतभेद बने हुए हैं। गोस्वामी समुदाय नए सुधारों—जैसे कि कॉरिडोर निर्माण—का विरोध करता रहा है, जबकि प्रशासन भीड़ नियंत्रण के लिए इन्हें आवश्यक बताता है।
आज का विवाद एक बार फिर इस बात को उजागर करता है कि मंदिर में बढ़ती भीड़ और VIP मूवमेंट के दौरान बेहतर समन्वय और पूर्व तैयारी की भारी कमी है।
