MPPSC: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग MPPSC के अभ्यर्थियों का इंदौर में जारी प्रदर्शन समाप्त हो गया है। प्रदर्शनकारी छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
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चार दिन का प्रदर्शन समाप्त
MPPSC: इंदौर स्थित MPPSC कार्यालय के बाहर बीते चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आवास पहुंचा। इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छात्रों की सभी उचित मांगों के त्वरित समाधान का वादा किया।
मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
MPPSC: मुख्यमंत्री ने छात्रों की प्रमुख मांगों को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि सरकार जल्द ही MPPSC की भर्ती प्रक्रिया में सुधार लाएगी। छात्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वे संतुष्ट हैं और प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
मुलाकात के दौरान निम्नलिखित मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई:
- 87/13 फॉर्मूले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में समाधान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- 2019 से 2022 की मुख्य परीक्षाओं की कॉपियां और मार्कशीट दिखाने के लिए आयोग की विशेष बैठक होगी।
- खाली पदों पर शीघ्र भर्ती के निर्देश दिए गए हैं।
- देश के अन्य सफल लोक सेवा आयोगों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
- MPPSC में व्यापक सुधार लागू किए जाएंगे।
- सभी मांगों के त्वरित समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
भूख हड़ताल के बाद छात्रों की जीत
MPPSC: छात्र 18 दिसंबर से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। आयोग और अभ्यर्थियों के बीच हुई प्रारंभिक बातचीत असफल रही, जिसके बाद छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।
छात्रों की प्रमुख मांगें
- 2019 की मुख्य परीक्षा की कॉपियां और मार्कशीट अभ्यर्थियों को दिखाई जाए।
- राज्य सेवा 2025 के लिए 700 और वन सेवा के लिए 100 पदों का नोटिफिकेशन जल्द जारी किया जाए।
- 2023 राज्य सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम शीघ्र घोषित हो।
- 87/13 फॉर्मूले को समाप्त कर सभी परिणाम 100% आधार पर घोषित किए जाएं।
भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांग
MPPSC: छात्रों ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि CGPSC की तर्ज पर मुख्य परीक्षा की कॉपियां जांची जाएं। साक्षात्कार के दौरान उम्मीदवारों की गोपनीयता बनाए रखते हुए उनके नाम, श्रेणी और उपनाम छिपाए जाएं तथा साक्षात्कार की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए।
प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
MPPSC: प्रदर्शन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद छात्रों को भरोसा मिला है कि उनकी मांगें पूरी होंगी और भविष्य में भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।