Delhi blast connection UP ATS: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके के बाद देशभर की खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने 24 घंटे के भीतर दो डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। दोनों का संबंध जम्मू-कश्मीर से बताया जा रहा है और इन पर आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों के संपर्क में रहने का शक है।
पहली गिरफ्तारी बुधवार शाम कानपुर से हुई, जबकि दूसरी कार्रवाई गुरुवार दोपहर हापुड़ में की गई। एटीएस ने दोनों डॉक्टरों को पूछताछ के लिए दिल्ली भेज दिया है, जहां उनसे स्पेशल सेल और NIA की संयुक्त टीम पूछताछ कर रही है। दिल्ली बलास्ट के बाद अलफलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता रद्द कर दी गई।
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गाइनकोलॉजिस्ट डॉक्टर फारुख गिरफ्तार
गुरुवार दोपहर यूपी एटीएस की टीम ने हापुड़ मेडिकल कॉलेज में दबिश दी। यहां के गाइनकोलॉजिस्ट डॉ. फारुख को उनके हॉस्टल से हिरासत में लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान एटीएस अधिकारियों ने किसी को हॉस्टल के आसपास जाने नहीं दिया। बाद में उन्हें सीधे दिल्ली रवाना कर दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. फारुख का संबंध फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल शकील से है। दोनों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी से साथ में पढ़ाई की थी। मुजम्मिल के कमरे से ही विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। जांच में यह भी सामने आया कि फारुख मुजम्मिल से हाल ही में संपर्क में था और दिल्ली ब्लास्ट से कुछ दिन पहले दोनों की टेलीफोन पर बातचीत हुई थी।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ गिरफ्तार
इससे पहले, बुधवार शाम को एटीएस ने कानपुर के हृदय रोग संस्थान (Heart Disease Institute) में कार्यरत कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ (32) को पकड़ा था। डॉक्टर आरिफ को उनके आवास से हिरासत में लेकर पहले लखनऊ और फिर दिल्ली ले जाया गया।
जांच में पता चला कि आरिफ दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए आतंकी डॉ. उमर उन नबी का क्लासमेट था। दोनों ने जम्मू-कश्मीर में मेडिकल की पढ़ाई साथ में की थी। दिल्ली धमाके के बाद जब एजेंसियों ने उमर के पुराने संपर्क खंगाले, तो आरिफ का नाम सामने आया।
प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि आरिफ लखनऊ की डॉ. शाहीन और उसके भाई परवेज के संपर्क में था। शाहीन और परवेज को कुछ दिन पहले ही सहारनपुर से एटीएस ने गिरफ्तार किया था।

Delhi blast connection UP ATS: मकान मालिक से पूछताछ
गुरुवार दोपहर कानपुर पुलिस टीम ने आरिफ के घर और अस्पताल दोनों जगह जाकर जांच की। मकान मालिक और पड़ोसियों से पूछताछ की गई।
मकान मालिक ने बताया —
आरिफ चुपचाप रहता था। किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। देखने में सीधा-सादा लगता था, कभी नहीं सोचा था कि वह किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल हो सकता है।
अस्पताल के साथी डॉक्टरों से भी एटीएस ने पूछताछ की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरिफ किससे मिलता-जुलता था और क्या हाल ही में उसकी किसी संदिग्ध व्यक्ति से मुलाकात हुई थी।

गिरफ्तार हो चुके हैं शाहीन और परवेज
दिल्ली ब्लास्ट केस में यूपी एटीएस इससे पहले भी डॉ. आदिल (सहारनपुर), डॉ. शाहीन (लखनऊ) और उसके भाई परवेज को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच एजेंसियों को शक है कि ये सभी डॉक्टर एक नेटवर्क के हिस्से के रूप में काम कर रहे थे, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय था।
शाहीन के बारे में जानकारी मिली थी कि वह सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने वालों के संपर्क में थी। अब जब डॉक्टर आरिफ और फारुख के नाम सामने आए हैं, तो जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या यह पूरा मॉड्यूल किसी एक मास्टरमाइंड द्वारा संचालित किया जा रहा था।

दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ते जा रहे नए लिंक
Delhi blast connection UP ATS: दिल्ली ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे डॉक्टरों और शिक्षित युवाओं का नाम इसमें सामने आना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
फरीदाबाद, कानपुर, लखनऊ, सहारनपुर और अब हापुड़ में हुई लगातार गिरफ्तारियों ने यह साफ कर दिया है कि आतंकी नेटवर्क ने पढ़े-लिखे लोगों को भी अपने जाल में फंसा लिया है।
फिलहाल एटीएस दोनों डॉक्टरों से दिल्ली में पूछताछ कर रही है। जांच में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, जिससे इस पूरे मॉड्यूल की तस्वीर साफ हो जाएगी।
DNA रिपोर्ट से खुलासा, डॉ. उमर उन नबी ही था कार में; जांच में सामने आए तीन बड़े खुलासे
Delhi Blast DNA Report: 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भयानक कार ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हुई थी। इस धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया। जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह था कि आखिरकार धमाके के वक्त कार में कौन था। अब DNA रिपोर्ट ने इस रहस्य से पर्दा हटा दिया है।

केंद्र सरकार ने दिल्ली कार ब्लास्ट को आतंकी हमला करार दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस घटना को टेरर अटैक के रूप में मानते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। पूरी खबर…
