Delhi Airport ATS glitch: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर हाल ही में हुई तकनीकी गड़बड़ी ने देश की एयर ट्रैफिक सिक्योरिटी सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
जांच में सामने आया है कि यह कोई सामान्य खराबी नहीं थी, बल्कि GPS सिग्नल से छेड़छाड़ की साजिश रची गई थी।
जानकारी के अनुसार, 6 से 7 नवंबर की शाम 7 बजे के बीच पायलट्स को GPS से फेक सिग्नल मिल रहे थे। इससे कॉकपिट स्क्रीन पर विमान की गलत लोकेशन दिखाई देने लगी। कुछ पायलट्स ने बताया कि रनवे की जगह खेत नजर आ रहे थे, जिससे लैंडिंग के दौरान भ्रम की स्थिति बन गई।
एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक सर्विस (ATS) को भी सही जानकारी देर से मिल रही थी। नतीजतन कई विमानों को डायवर्ट करना पड़ा और एयरपोर्ट का ऑपरेशन लगभग 48 घंटे तक प्रभावित रहा।

ATC के AMSS सिस्टम में आई तकनीकी खराबी
7 नवंबर को IGI एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में अचानक तकनीकी खराबी आ गई।
इस कारण फ्लाइट ऑपरेशन 12 घंटे से ज्यादा प्रभावित रहा।
सूत्रों के अनुसार,
- 800 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें देर से रवाना हुईं
- जबकि 20 फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा।
दिल्ली एयरपोर्ट का पूरा ऑपरेशन 48 घंटे बाद ही सामान्य हो पाया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना GPS और ATC नेटवर्क की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है।

Delhi Airport ATS glitch: AMSS क्या है?
AMSS (Automatic Message Switching System) एक अत्याधुनिक कंप्यूटर नेटवर्क सिस्टम है, जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सेवाओं से जुड़ा होता है।
इसके माध्यम से हर दिन हजारों टेक्स्ट-बेस्ड मैसेज
- पायलट्स
- ग्राउंड स्टाफ
- एयरपोर्ट अथॉरिटीज़ और
- अन्य देशों के एयर ट्रैफिक नेटवर्क
तक रीयल-टाइम में भेजे जाते हैं।
इन संदेशों में फ्लाइट की रूटिंग, मौसम की जानकारी, रनवे की स्थिति और सुरक्षा निर्देश शामिल होते हैं।
यह सिस्टम कैसे काम करता है?
AMSS एक ऑटोमैटिक नेटवर्क की तरह काम करता है, जो हर आने-जाने वाले संदेश को स्विचिंग तकनीक के जरिए संबंधित रिसीवर तक पहुंचाता है।
उदाहरण के लिए —
जब कोई विमान दिल्ली से उड़ान भरता है, तो ATC उसके रूट से संबंधित सभी डेटा AMSS के जरिए दूसरे एयरपोर्ट्स और पायलट तक भेज देता है।
यह प्रक्रिया रीयल-टाइम में होती है और किसी भी मानवीय देरी को समाप्त करती है।
AMSS के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान पूरी तरह सुरक्षित और तेज़ होता है, ताकि उड़ानों की सुरक्षा और समयबद्धता बनी रहे।

अगर AMSS काम न करे तो क्या होता है?
Delhi Airport ATS glitch: जब AMSS सिस्टम में तकनीकी खराबी आती है, तो
- पायलट और ग्राउंड स्टाफ के बीच कम्युनिकेशन स्लो या बाधित हो जाता है।
- उड़ानों की रूटिंग और क्लियरेंस में देरी होती है।
- सुरक्षा अलर्ट्स और मौसम अपडेट्स समय पर नहीं पहुंचते, जिससे फ्लाइट ऑपरेशन्स पर सीधा असर पड़ता है।
ऐसी स्थिति में ATC को मैनुअल सिस्टम पर निर्भर रहना पड़ता है, जो काफी समय लेने वाला और रिस्क भरा होता है।
दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक सिस्टम फेल: साइबर हमले का शक

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