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गणेशजी की कृपा से हर संकट से पार पा लेंगे, इन बातों का रखें खास ख्याल
संकष्टी चतुर्थी व्रत हर महीने में एक बार मनाया जाता है। यह व्रत गणेश जी के लिए होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में सौभाग्य, सुख और समृद्धि आती है। इसी के साथ संतान की मनोकामना भी पूरी होती है। 2024 इस वर्ष की अंतिम संकष्टी चतुर्थी है।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी? पंचांग के अनुसार मघसर मास के वाडपक्ष की संकष्टी चतुर्थी तिथि 18 दिसंबर, 2024 को सुबह 10:06 बजे शुरू होगी। संकष्टी चतुर्थी तिथि 19 दिसंबर, 2024 को सुबह 10:02 बजे समाप्त होगी। संकष्टी चतुर्थी पूजा शाम को की जाती है। इसलिए 18 दिसंबर को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का महत्व संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और चंद्रमा के दर्शन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
इन बातों का रखें खास ख्याल
- इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना शुभ माना जाता है।
- संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
- व्रत रखने वाले के अलावा परिवार के अन्य लोगों को भी लहसुन और प्याज न खाने की सलाह दी जाती है।
- इस दिन पशु-पक्षियों को भोजन और जल देना भी शुभ होता है।