Crime News 2024: एमपी स्टेट साइबर सेल ने ऑस्ट्रेलियन नागरिक से ठगी करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर को इंदौर से गिरफ्तार किया कर । ठगी करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने पहले एपल कंपनी के प्रोडक्ट्स के सॉफ्टवेयर बनाने के लिए उससे संपर्क किया और बातचीत होने के बाद पार्टनरशिप के लिए एक करोड़ रुपए ले लिए। टिम कुक (एप्पल कंपनी सीईओ) के फर्जी साइन कर कॉन्ट्रैक्ट का ई-मेल भी मेल कर दिया था। ठगी का शिकार ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य के रहने वाले ऑल शेफर्ड हैं।
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Crime News 2024: हुआ था केस दर्ज
शेफर्ड ने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में अपनी पिटीशन लगाई थी। वकील के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के मानसिक दिव्यांग ऑल शेफर्ड के साथ एक एप प्रोग्राम धोखाधड़ी के मामले में इंजीनियर मयंक सलूजा के खिलाफ जून 2023 में केस दर्ज किया गया। पहले जिला कोर्ट में पीड़ित के वकील ने परिवाद लगाया, लेकिन नोटिस जारी होने के बाद भी अफसर कोर्ट नहीं पहुंचे। इसके बाद हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई।
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Crime News 2024: बनाया फर्जी एग्रीमेंट
अकाउंटेंट ऑल शेफर्ड ने एक वेबसाइट के जरिए से एप बनाने के लिए प्रोग्राम डेवलपर को सर्च किया, उस वेबसाईट के माध्यम से शेफर्ड की मयंक सलूजा से पहचान हुई। मयंक ने प्रोग्राम डेवलपमेंट, ISO एंड्रॉयड मोबाइल एप, एपल शेयरिंग एप, एनजीओ पेन कार्ड, आईटीआर सबमिशन और एडवोकेट के नाम से फीस के रूप में एक करोड़ रुपए ले लिए।और इसके बाद मयंक ने एपल के सीईओ टीम कुक के नाम से फर्जी एग्रीमेंट बनवाकर ऑल शेफर्ड को सोशल मीडिया पर भेज दिया, लेकिन तीन साल बीतने के बाद और करीब एक करोड़ रुपए देने के बाद भी जब एप डेवलप नहीं हुआ तो उन्होंने मयंक से बात की।
पुलिस के साथ लुकाछुपी
अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज की ठग मयंक ने पहले जिला फिर उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के आवेदन लगाए। यहां कोर्ट ने उसके आवेदन निरस्त कर दिए। पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी तो उसने अपना पुराना घर बेच दिया और नई जगह जाकर शिफ्ट हो गया लेकिन पुलिस ने उसको बुधवार को गिरफ्तार कर लिया |
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कंपनी को पुलिस ने जानकारी भेज दी
ठग मयंक ने पूछताछ में बताया कि आस्ट्रेलिया निवासी ऑल शेफर्ड वेबसाइट का डोमेन खुद खरीदा था। उस पर ही काम कर रहा था। वेबसाइट की होस्टिंग ऑल शेफर्ड ने hostgeek पर अपलोड की थी, लेकिन एप डेवलपमेंट करने के लिए शेफर्ड ने इसकी होस्टिंग मयंक को ट्रांसफर कर दी। मयंक का कहना है कि इस वजह से शेफर्ड होस्टिंग को एक्सेस नहीं कर पा रहा था। हाईकोर्ट के निर्देश पर साइबर सेल ने इसकी होस्टिंग अपने कब्जे में ले ली है।