cricket news: भारतीय टीम ने लगातार दो बार ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर पर टेस्ट सीरीज हराकर इतिहास रच दिया है। अब तीसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने का सपना देखा जा रहा है। लेकिन 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाली 5 मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले टीम इंडिया के पेस अटैक में एक बड़ी कमजोरी सामने आई है, जो इस लक्ष्य को मुश्किल बना सकती है।
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पेस अटैक के आंकड़े डराने वाले
ऑस्ट्रेलिया में जीतने के लिए तेज गेंदबाजों का मजबूत प्रदर्शन बेहद अहम होता है। हालांकि, मौजूदा भारतीय पेस अटैक अनुभव और विकेटों के मामले में विरोधी टीम से काफी पीछे है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारत ने अपने स्क्वॉड में 6 तेज गेंदबाज शामिल किए हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख तीन गेंदबाजों के सामने ये कमजोर नजर आते हैं।
भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (173), मोहम्मद सिराज (80), प्रसिद्ध कृष्णा (2), आकाश दीप (10), हर्षित राणा (0) और नीतीश कुमार रेड्डी (0) अब तक टेस्ट में कुल 265 विकेट ही ले सके हैं। दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पैट कमिंस (269), मिचेल स्टार्क (358) और जॉश हेजलवुड (273) के नाम कुल 900 विकेट हैं। दोनों टीमों के पेस अटैक में 635 विकेट का बड़ा अंतर है।
अनुभव की कमी बड़ी समस्या
भारतीय पेस अटैक की सबसे बड़ी कमजोरी खिलाड़ियों का अनुभव है। टीम के दो तेज गेंदबाजों ने अभी तक टेस्ट डेब्यू भी नहीं किया है। प्रसिद्ध कृष्णा ने सिर्फ 2 और आकाश दीप ने 5 मैच खेले हैं। हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी ने अभी तक एक भी टेस्ट नहीं खेला है। सिराज ने 31 और बुमराह ने 40 टेस्ट खेले हैं, जो इस पेस अटैक के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं।
दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलियाई तिकड़ी पैट कमिंस (62 टेस्ट), मिचेल स्टार्क (89 टेस्ट) और जॉश हेजलवुड (70 टेस्ट)—पारंपरिक पिचों पर अपना दबदबा साबित कर चुकी है।
cricket news: शमी की कमी खल सकती है
मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी भारतीय टीम के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने 64 टेस्ट में 229 विकेट लिए हैं और वह इस पेस अटैक को अनुभव का संतुलन प्रदान कर सकते थे। शमी की कमी के चलते भारतीय टीम का बॉलिंग अटैक ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर कमजोर नजर आ सकता है।
भारत की पेस अटैक की यह कमजोरी पर्थ टेस्ट से पहले टीम मैनेजमेंट के लिए चिंता का विषय है। अगर भारतीय बल्लेबाज बड़ा स्कोर खड़ा कर पाते हैं और गेंदबाज अपनी योजनाओं पर खरे उतरते हैं, तो टीम के पास तीसरी बार ट्रॉफी जीतने का सुनहरा मौका है।