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CM Yogi Tribute Sat Ramakrishna and Sant Chaitanya: संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस और संत चैतन्य महाप्रभु की मंगलवार 18 फरवरी यानी की आज जयंती मनाई जा रही है। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए दोनो महान विभुतियों को नमन कर स्वामी रामकृष्ण को माँ काली के परम उपासक बताया और चैतन्य महाप्रभु को महान कृष्णभक्त, भक्तिकाल के प्रमुख संत बताया और दोनों को याद करते हुए नमन किया।
CM योगी ने ट्वीट कर स्वामी रामकृष्ण और संत चैतन्य महाप्रभु को किया नमन
CM Yogi Tribute Sant Ramakrishna: संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस को किया नमन
माँ काली के परम उपासक, महान संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन!
त्याग, भक्ति और श्रद्धा के आदर्श प्रतीक स्वामी जी की शिक्षाओं ने एक समतामूलक व सद्भावनायुक्त समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था।
माँ काली के परम उपासक, महान संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन!
त्याग, भक्ति और श्रद्धा के आदर्श प्रतीक स्वामी जी की शिक्षाओं ने एक समतामूलक व सद्भावनायुक्त समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। pic.twitter.com/z1I2gdJApb
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 18, 2025
CM Yogi Tribute Sant Chaitanya: संत चैतन्य महाप्रभु को किया नमन
महान कृष्णभक्त, भक्तिकाल के प्रमुख संत चैतन्य महाप्रभु को उनकी जयंती पर कोटिश: नमन!
‘हरिनाम संकीर्तन’ के माध्यम से आपने आमजन को कृष्ण-भक्ति धारा से जोड़ा। आपकी शिक्षाएं समरस समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
महान कृष्णभक्त, भक्तिकाल के प्रमुख संत चैतन्य महाप्रभु को उनकी जयंती पर कोटिश: नमन!
‘हरिनाम संकीर्तन’ के माध्यम से आपने आमजन को कृष्ण-भक्ति धारा से जोड़ा। आपकी शिक्षाएं समरस समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करती हैं। pic.twitter.com/HU2z1CdH1i
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 18, 2025
महान संत रामकृष्ण परमहंस के बारें में जानिए..

महान संत रामकृष्ण एक विचारक और मां काली के भक्त रामकृष्ण परमहंस की जयंती फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को होती है जो कि इस बार 18 फरवरी यानी आज के दिन पड़ रही है। रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन शुक्ल की द्वितीया तिथि 18 फरवरी 1836 को बंगाल प्रांत के कामारपुकुर गांव में हुआ था। मां काली के प्रति इनकी गहरी श्रद्धा और आस्था थी। ईश्वर के दर्शन के लिए इन्होंने कम उम्र से ही कठोर साधना और भक्ति शुरू कर दी थी। कहा जाता है कि उन्हें मां काली के साक्षात दर्शन हुए थे।
चैतन्य महाप्रभु कौन थे?
चैतन्य महाप्रभु, जिन्हें गौरांग के नाम से भी जाना जाता है,
16वीं सदी के एक संत और समाज सुधारक थे।
चैतन्य महाप्रभु का जन्म 18 फरवरी, 1486 को पश्चिम बंगाल के नवद्वीप में हुआ था।
जयंती अनुयायियों द्वारा, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में, ‘गौर पूर्णिमा’ के रूप में मनाया जाता है।
22 वर्ष की आयु में चैतन्य महाप्रभु ने भगवान कृष्ण के प्रति गहन दिव्य प्रेम का अनुभव किया
और खुद को भक्ति साधना में लीन कर लिया था।
उन्होंने ‘हरे कृष्ण’ मंत्र के जाप को लोकप्रिय बनाया।