Childhood memories in Hindi: बचपन… एक ऐसा शब्द जो सुनते ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वो दिन जब ज़िंदगी की सबसे बड़ी चिंता थी कि छुट्टी के बाद कौन सा खेल खेलेंगे। जब बारिश का मतलब था मिट्टी में कूदना, और गर्मी की छुट्टियों का मतलब था नानी के घर जाना। आज जब हम भागती-दौड़ती दुनिया में उलझे हैं, तो कभी-कभी दिल करता है कि बस एक बार फिर से वो दिन जी लें।
वो सुबहें, जो अलार्म के बिना भी खास थीं
सुबह-सुबह मम्मी की आवाज़ – “उठ जा बेटा, स्कूल का टाइम हो गया” – और हम चादर में दुबके रहते थे।
Childhood memories in Hindi: लेकिन…
जैसे ही रसोई से पराठों की खुशबू आती, नींद गायब हो जाती। स्कूल जाने से पहले दोस्तों से मिलने की उत्सुकता, और रास्ते में मिलने वाली टॉफी की दुकान – सब कुछ कितना सच्चा लगता था।

खेल, जो सिर्फ जीतने के लिए नहीं होते थे
गली में क्रिकेट खेलना, वो टूटी हुई बैट, और गेंद जो हर बार पड़ोसी के घर चली जाती थी। फिर सब मिलकर माफी मांगने जाते थे – “आंटी, बस एक बार दे दीजिए, अगली बार ध्यान रखेंगे।” वो दोस्ती जिसमें कोई स्वार्थ नहीं था। सिर्फ साथ खेलने की खुशी थी।

रिश्ते, जो आज भी दिल में बसे हैं
नानी की कहानियाँ, दादी के हाथ का खाना, और पापा की उंगली पकड़कर मेले जाना। वो रिश्ते जो आज भी याद आते हैं, जब हम अकेले होते हैं। तब समझ आता है कि असली प्यार क्या होता है – बिना किसी शर्त के अपनापन।

आज की दुनिया में वो मासूमियत कहाँ?
अब बच्चे टैबलेट पर खेलते हैं, कहानियाँ यूट्यूब से सुनते हैं। लेकिन क्या वो वही एहसास है जो हमें तब मिलता था? शायद नहीं। आज की भागदौड़ में हम वो सादगी खो चुके हैं। लेकिन यादें हैं, जो हर बार दिल को छू जाती हैं।
क्या हम फिर से वो पल जी सकते हैं?
शायद नहीं। लेकिन हम उन्हें याद कर सकते हैं, महसूस कर सकते हैं। और अपने बच्चों को वो कहानियाँ सुना सकते हैं, जो हमें इंसान बनाती हैं। क्योंकि बचपन सिर्फ एक दौर नहीं, एक एहसास है – जो कभी पुराना नहीं होता।
Childhood memories in Hindi: बचपन की यादें…
सिर्फ यादें नहीं होतीं, वो हमारी पहचान होती हैं। जब भी ज़िंदगी थकाने लगे, उन पलों को याद कर लेना चाहिए। क्योंकि वहीं से हमें सच्ची खुशी मिलती है। अगर आप भी कभी अकेले महसूस करें, तो अपनी पुरानी तस्वीरें देखिए, पुराने दोस्तों को कॉल कीजिए – और महसूस कीजिए कि बचपन आज भी हमारे साथ है।
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