
Canada PM: 157 साल में कोई महिला लिबरल पार्टी की नेता नहीं बनी
Canada PM: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी 9 मार्च को अपने नए नेता और प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी। इस रेस में 5 नाम आगे हैं, जिनमें से 3 महिलाएं हैं। इनमें भारतीय मूल की रूबी ढल्ला, पूर्व उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और लिबरल पार्टी की प्रतिनिधि सभा की नेता करीना गोल्ड प्रमुख महिला नेता हैं।
ट्रूडो नौ साल से प्रधानमंत्री
इन्वेस्टमेंट बैंकर मार्क कार्नी और बिजनेसमैन फ्रैंक बेलिस भी कनाडा के प्रधानमंत्री की दौड़ में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। ट्रूडो 12 साल तक लिबरल पार्टी के प्रमुख रहे हैं और नौ साल से प्रधानमंत्री हैं। ट्रूडो ने 6 जनवरी को अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। पार्टी नेताओं ने उन पर बेरोजगारी, विदेश नीति और अलगाववादियों को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
रूबी फिल्मों में काम कर चुकी हैं
Canada PM: रूबी ने आधिकारिक तौर पर 22 जनवरी को जस्टिन ट्रूडो को बदलने के लिए अपना दावा दायर किया। लिबरल पार्टी ने उन्हें सोमवार, 24 जनवरी को चुनाव लड़ने की अनुमति दी। अगर रूबी ढल्ला जस्टिन ट्रूडो की जगह लेती हैं, तो वह कनाडा की पहली अश्वेत महिला प्रधानमंत्री बन जाएंगी। रूबी ने मंगलवार को घोषणा की कि अगर वह चुनी जाती हैं तो वह देश से अवैध प्रवासियों को बाहर निकाल देंगी।
ढल्ला ने राजनीति में आने से पहले हिंदी फिल्मों में भी काम किया था। ढल्ला ने 2003 में फिल्म ‘क्यों, किस लिए’ में काम किया था। 1993 में, वह मिस इंडिया कनाडा प्रतियोगिता की उपविजेता थीं।
157 साल में यह पहली बार महिला पार्टी अध्यक्ष
Canada PM: भारतीय मूल की रूबी ढल्ला अगर लिबरल पार्टी की प्रमुख बनती हैं तो 157 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा जब कोई महिला पार्टी का नेतृत्व करेगी। ट्रंप ने क्रिस्टिया को बताया है टॉक्सिक क्रिस्टिया ने ट्रूडो के साथ मतभेदों के कारण इस्तीफा दे दिया था। उन्हें प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि आलोचक उन्हें काफी अव्यवहारिक बता रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें जहरीला बताया है।
मार्क कार्नी कनाडा के केंद्रीय बैंक के पूर्व प्रमुख हैं। वे खुद को आर्थिक समाधानकर्ता के रूप में चित्रित करके अपने दावे को मजबूत कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाल सकते हैं।
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54% कनाडाई खालिस्तानी आंदोलन के खिलाफ
Canada PM: कनाडा के 72 फीसदी लोगों का कहना है कि खालिस्तानी अलगाववादियों का नियंत्रण होना चाहिए कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। यहां के 54% कनाडाई खालिस्तानी अलगाववादी आंदोलन का विरोध करते हैं।
साथ ही 72% का मानना है कि खालिस्तानियों की तरह विदेशी अलगाववादियों पर नियंत्रण होना चाहिए। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। मतदान एजेंसी लेगर 360 के सर्वे में यह बात सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 30% कनाडाई मानते हैं कि खालिस्तानियों की विभाजनकारी गतिविधियों के कारण सिख समुदाय को अन्यायपूर्ण जांच से गुजरना पड़ता है।
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