Cabinet: लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से बीजेपी ने सभी 29 की 29 सीटे जीत कर नरेंद्र मोदी की झोली में डाल दी ही.ऐसे में परफॉर्मेंस के आधार पर प्रदेश के दिग्गज सासंदों की नजर दिल्ली दरबार पर है.और और कोई उम्मीद लगाए हुए है.कि उन्हे मोदी कैबिनेट में जगह मिले
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Cabinet: दिल्ली दरबार में कौन-कौन?
Cabinet: अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि मोदी कैबिनेट में एमपी के नेताओं को कितनी जगह मिलेगी? मोदी के इस तीसरे कार्यकाल में तस्वीर पिछले दो कार्यकाल से बदली हुई है.राजनीतिक पंड़ितों की माने तो आमतौर पर चौंकाने वाले फैसले लेने वाले मोदी के पास इस कार्यकाल में इसकी ज्यादा गुंजाइश नहीं है। उन्हें पहले अपने दोनों सहयोगी दलों टीडीपी और जेडीयू को साधना होगा। इसके बाद बची सीटों पर भाजपा के मंत्रियों को एडजस्ट करना होगा.
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Cabinet: दौड़ में MP के तीन मंत्री आगे
इस बार के लोकसभा चुनाव में एमपी से तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ सीनियर लीडर के तौर पर शिवराज सिंह चौहान भी मैदान में थे।इस लिहाज से मोदी कैबिनेट में शिवराज की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। उनके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना लगभग तय है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी दावा बनता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को हरदा की सभा में कहा था- संगठन में मैं और शिवराज सिंह चौहान जी साथ काम करते थे। उस वक्त हम दोनों मुख्यमंत्री थे। वो जब संसद में गए थे, तब मैंने महामंत्री के नाते उनके साथ काम किया। अब फिर मैं उनको दिल्ली ले जाना चाहता हूं।
दूसरे नंबर पर गुना से सांसद ज्योतिरादित्य का नाम आता है.21 अक्टूबर को सिंधिया स्कूल 125 वें स्थापना दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे गुजरात के दामाद हैं, इसलिए मेरा उनसे दूसरा रिश्ता है। मेरा गांव गायकवाड़ स्टेट का गांव था और उन्होंने पहला प्राथमिक स्कूल बनवाया था। उसमें मैंने मुफ्त में शिक्षा ग्रहण की थी। इसी गायकवाड़ परिवार में सिंधिया की ससुराल है।
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Cabinet:तीसरे नंबर पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का नाम आता है. वीडी शर्मा को लेकर पीएम मोदी ने दमोह की सभा कहा था- ये दिखने में दुबले पतले जरूर हैं, लेकिन इनके नेतृत्व में बीजेपी ने मध्यप्रदेश के चुनावों में इस बार नया इतिहास रच दिया है।
Cabinet:महिला सांसदों में किसे मौका
यदि नए चेहरों को मौका मिला तो एमपी से किसी एक महिला सांसद की दावेदारी मजबूत हो सकती है। बालाघाट से भारती पारधी, भिंड से संध्या राय, शहडोल से हिमाद्री सिंह, धार से सावित्री ठाकुर, सागर से लता वानखेड़े और रतलाम से अनिता नागर सिंह चौहान चुनाव जीत गई हैं। इन सभी को टिकट देने में पीएम मोदी की अहम भूमिका थी। इसके अलावा दो राज्यसभा सांसद के रूप में कविता पाटीदार और सुमित्रा बाल्मीक पहले से हैं।इस तरह मध्यप्रदेश से 8 महिला सांसद हैं। इनमें से हिमाद्री सिंह और संध्या राय दो बार की सांसद हैं वहीं सावित्री ठाकुर 2014 में चुनाव जीती थीं। 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया था। अनिता नागर सिंह चौहान, लता वानखेड़े और भारती पारधी पहली बार की सांसद हैं।संध्या राय और सुमित्रा बाल्मीक अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। अनिता नागर सिंह चौहान, हिमाद्री सिंह और सावित्री ठाकुर अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। वहीं लता वानखेड़े, भारती पारधी और कविता पाटीदार ओबीसी कोटे से आती हैं।
Cabinet:ओबीसी, एससी या एसटी वर्ग से किसे मौका
यदि कोटे के हिसाब से सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो ओबीसी कोटे में सबसे बड़ा चेहरा तो शिवराज सिंह चौहान है। उनके सामने पांच बार के सांसद गणेश सिंह और किसान नेता और राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर पिछड़ सकते हैं.वहीं बात करें एससी कोटे की तो फिलहाल वीरेंद्र खटीक मंत्रिमंडल में शामिल किए जाते रहे हैं। उनकी जगह देवास से दूसरी बार के सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी शामिल किए जा सकते हैं। वहीं एसटी वर्ग से फग्गन सिंह कुलस्ते की दावेदारी है, अगर उन्हें विश्राम दिया जाता है तो फिर गजेंद्र पटेल को मौका दिया जा सकता है।