
Roll back budget: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल मे वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने अपने 2002-03 बजट भाषण में कई बड़े फैसलों का ऐलान किए। इसलिए इसे बहुत सख्त बजट माना जाता है लोगों ने नए टैक्स और एलपीजी की किम्मतों मे वृद्धि वापस लेने की मांग शुरू कर दी। किसान फर्टिलाइजर्स की कीमतें बढ़ाने से नाराज हो गए।
Roll back budget: 2202-03 का बजट कुछ ख़ास वजहों से चर्चा मे रहा यशवंत सिन्हा ने कई बड़े फैसलों का ऐलान किया उन्होंने रसोई गैस की किम्मतें बढ़ाई, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के जरिये बेचे जाने वाले केरोसिन और चीनी की किम्मतें बढ़ाई,
ज़्यादा कमाई करने वालों के लिये इनकम टैक्स रिबेट बढ़ाई, पोस्टल रेट मे वृद्धि की, स्मॉल सेविंग्स के इंटरेस्ट रेट घटाये, फ़र्टिलाइज़र्स पर सब्सिडी कम कर दी l
Roll back budget: इस बजट को लोगों ने नापसन्द कर दिया यहाँ तक की इनकी खुद की पार्टी के कुछ लोगों ने भी इसका विरोध किया और इसका व्यापक विरोध हुआ लोगों ने इस विरोध के मद्देनज़र सरकार को कुछ फैसले वापस लेने पढ़े जिसमे
प्रमुख तौर पर डिवीडेंड से हुई आय को 80L के तहत लाया गया, रुपये 1000 से कम के डिवीडेंड को टीडीएस के दायरे
से बाहर कर दिया गया, रसोई गैस की किम्मतें रुपये 20 कम की गई, रुपये 1.5 लाख से रुपये 5 लाख तक की आय वाले लोगों को सेक्शन 88 के तहत ऐलान किये गये 10 प्रतिशत से बढाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया l चूंकि बजट मे किये कई ऐलान को विरोध के बाद सरकार को वापस लेना पढ़ा या उनमे संशोधन करना पढ़ा इस वजह से इसे रोल बैक बजट के नाम से जाना जाता है l