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गुरुवार को विशाखा-अनुराधा नक्षत्र, परिघ-शिवयोग के संयोजन में आना शुभ
Buddha Purnima: व्यापार व्यवसाय में वृद्धि, आय में अनुकूलता, खरीदारी में संतोष प्रदान में सहायक बैशाख मास की पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा 23 मई गुरुवार के सर्वार्थ सिद्धि योग के महासंयोग में आ रही है। शासत्रोक्त मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन पूर्णिमा तिथि का होना शुभ है, साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग की साक्षी ने इसकी शुभता को और बढ़ा दिया है।
Buddha Purnima ऐसे शुभ दिन स्नान, दान तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु का पूजन महापुण्य फल प्रदान करने वाला माना गया है। इस दिन हर प्रकार की खरीदी भी समृद्धि प्रदान करती है। ज्योतिषाचार्य पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार पंचांग की गणना के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि गुरुवार को विशाखा नक्षत्र उपरांत अनुराधा नक्षत्र तथा परिध योग उपरांत शिवयोग के संयोजन में आ रही है।
Buddha Purnima: विशेष यह भी है कि इस दिन वृश्चिक राशि का चंद्रमा रहेगा, जो अत्यंत ही शुभ है। योग से इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। शगुन शास्त्र के अनुसार पंचांग की यह स्थितियां व्यक्ति को उस दिन किए गए धार्मिक कार्य, दान धर्म आदि का विशेष फल प्रदान कराते हैं। साथ ही परिवार में सुख शांति, समाज में मैत्री भाव, व्यापार व्यवसाय में वृद्धि, आय में अनुकूलता, खरीदारी में संतोष व समृद्धि प्रदान करने में सहायक होती है।
Buddha Purnima: स्नान-दान का समय
पूर्णिमा पर स्नान दान का समय ब्रह्म मुहूर्त के साथ ही प्रारंभ हो जाता है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 4 मिनट से 4 बजकर 45 मिनट सुबह तक रहेगा। इस दिन कुर्म जयंती व बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि पर कर्म जयंती, बुद्ध जयंती की भी मान्यता है। कर्म पुराण में भी इसका आंशिक उल्लेख दिया गया है।
धन की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की पूजन भी इस पूर्णिमा तिथि पर की जाती है। लक्ष्मीनारायण का यथा विधि पूजन करके कृपा प्राप्त की जा सकती है। यह करने से दरिद्रता का निराकरण होता है। इसी दिन भगवान बुद्ध की जयंती भी मनाई जाती है।
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Buddha Purnima: इस दिन विशेष उपाय
- पवित्र नदी में स्नान कर दान पुण्य अवश्य करें, इससे लाभ की प्राप्ति होती है.
- वैशाख पूर्णिमा पर पीपल की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन पीपल को जल चढ़ाने से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है।
- Buddha Purnima इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से रूके हुए कार्यों को गति मिलती है।
- वैशाख पूर्णिमा पर पूजा के दौरान चांदी के सिक्के का उपयोग करें, यह उपाय अधिक कारगर है।
- कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत करने के लिए चांदी का इस्तेमाल करें।
- इस दिन एकाक्षी नारियल लाकर घर के धन स्थान पर रखे दें। माना जाता है कि इससे दरिद्रता दूर होती है और धन आगमन होता है।
- यदि किसी जातक की कुंडली में शनि दोष है, तो पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए, जिससे शनि दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
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