Brain Tumor Symptoms and Treatment: ब्रेन ट्यूमर, जिसे हिंदी में मस्तिष्क अर्बुद कहा जाता है, एक गंभीर और जटिल बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। यह वृद्धि कैंसरयुक्त (घातक) या गैर-कैंसरयुक्त (सौम्य) हो सकती है। ब्रेन ट्यूमर की प्रकृति, उसका स्थान और उसके बढ़ने की गति यह तय करती है कि यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को किस हद तक प्रभावित करेगा। इस लेख में हम ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, कारण, अवस्थाएं और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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ब्रेन ट्यूमर के लक्षण…
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ट्यूमर के प्रकार, स्थान और आकार पर निर्भर करते हैं। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
1. सिरदर्द: विशेषकर सुबह के समय या सोकर उठने पर सिरदर्द होना।
2. उल्टी और मतली: बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार उल्टी आना।
3. दौरे (Seizures): मिर्गी जैसे दौरे आना, जो कभी-कभी पहली बार 25 वर्ष की आयु के बाद होते हैं।
4. स्मृति और ध्यान में कमी: याददाश्त कमजोर होना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
5. व्यक्तित्व में बदलाव: चिड़चिड़ापन, अवसाद या व्यवहार में अन्य बदलाव।
6. दृष्टि संबंधी समस्याएँ: धुंधली दृष्टि, दोहरी दृष्टि या दृष्टि का आंशिक नुकसान।
7. संतुलन और समन्वय में समस्या: चलने में लडखड़ाना या शरीर के एक हिस्से में कमजोरी महसूस होना।
8. बोलने और सुनने में कठिनाई: भाषा समझने या बोलने में समस्या।
ब्रेन ट्यूमर के कारण…
ब्रेन ट्यूमर के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ ज्ञात कारणों में शामिल हैं-
1. जीन में परिवर्तन – मस्तिष्क की कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि के कारण।
2. किरणों के संपर्क में आना – रेडिएशन थेरेपी या रेडिएशन से जुड़े कार्यों से जुड़े लोग अधिक जोखिम में होते हैं।
3. परिवारिक इतिहास – यदि परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर हुआ हो, तो जोखिम बढ़ सकता है।
4. रसायनों का संपर्क – कुछ रसायनों के संपर्क में आना भी जोखिम बढ़ा सकता है।
5. प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी – कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों में ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना अधिक रहती है।
6. वायरल संक्रमण – कुछ अध्ययनों में वायरस और ब्रेन ट्यूमर के बीच संबंध की संभावना बताई गई है।
ब्रेन ट्यूमर की अवस्थाएं (Stages)…
ब्रेन ट्यूमर की अवस्थाएं ट्यूमर के प्रकार और उसकी वृद्धि दर पर निर्भर करती हैं:
1. पहली अवस्था (Stage I) – यह अवस्था धीमी वृद्धि वाली होती है, और कोशिकाएं सामान्य दिखती हैं। उपचार के बाद रोगी की स्थिति सामान्य रहती है।
2. दूसरी अवस्था (Stage II) – कोशिकाएं असामान्य होती हैं, और ट्यूमर पास के ऊतकों में फैल सकते हैं।
3. तीसरी अवस्था (Stage III) – ट्यूमर तेजी से बढ़ता है, और कोशिकाएं अधिक असामान्य होती हैं। यह मस्तिष्क के अन्य भागों में फैल सकते हैं।
4. चौथी अवस्था (Stage IV) – यह सबसे गंभीर अवस्था होती है, जिसमें ट्यूमर बहुत तेजी से बढ़ता है और अन्य अंगों में भी फैल सकता है।
निदान (Diagnosis)…
ब्रेन ट्यूमर की पुष्टि के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाता है:
1. MRI (Magnetic Resonance Imaging)
2. CT Scan (Computed Tomography)
3. PET Scan (Positron Emission Tomography)
4. बायोप्सी (Biopsy)- ट्यूमर की प्रकृति का निर्धारण।
5. न्यूरोलॉजिकल जांचें जैसे स्मृति, संतुलन और मानसिक स्थिति की जांच।
ब्रेन ट्यूमर का उपचार…
ब्रेन ट्यूमर का उपचार ट्यूमर के प्रकार, स्थान और रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। प्रमुख उपचार विधियां हैं-
1. सर्जरी – ट्यूमर को मस्तिष्क से हटाना। यह उपचार सबसे सामान्य होता है, लेकिन इसमें संक्रमण और रक्तस्राव का जोखिम होता है।
2. रेडिएशन थेरेपी – उच्च-ऊर्जा विकिरण का उपयोग करके ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करना। यह उपचार सर्जरी के बाद या कीमोथेरेपी के साथ किया जा सकता है।
3. कीमोथेरेपी – दवाओं का उपयोग करके ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करना। यह उपचार अकेले या अन्य उपचारों के साथ किया जाता है।
4. टार्गेटेड थेरेपी – विशेष दवाओं का उपयोग करके ट्यूमर कोशिकाओं की विशिष्ट असामान्यताओं को लक्षित करना।
5. रेडियोसर्जरी – एक ही सत्र में उच्च-ऊर्जा विकिरण का उपयोग करके ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करना।
Note – उपरोक्त जानकारी विभिन्न स्त्रोतो से ली गई है, कृपया अप्लाई करने से पहले लें किसी एक्सपर्ट की सलाह।