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पूर्व सांसद प्रज्ञा के खिलाफ जमानती वारंट जारी
मालेगांव बम धमाका मामले की सुनवाई कर रही विशेष एनआईए अदालत को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। 30 अक्टूबर को अदालत के रजिस्ट्रार कार्यालय में एक फोन आया था। फोन करने वाले ने कहा कि मामले की सुनवाई कर रहे कोर्ट रूम नंबर 26 पर बम से हमला किया जाएगा। मामले की सुनवाई दक्षिण मुंबई की दीवानी अदालत में चल रही है।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट
एनआईए की एक विशेष अदालत ने मामले में आरोपी नंबर एक भाजपा नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ सुनवाई में शामिल नहीं होने पर जमानती वारंट जारी किया है। प्रज्ञा ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए 4 जून से अदालत की कार्यवाही में भाग नहीं लिया है।
क्या है 2008 का मालेगांव ब्लास्ट केस?
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में धमाका हुआ था। यहां एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में विस्फोटक उपकरण रखा गया था। इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे। इस मामले की जांच पहले महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता कर रहा था, जिसे 2011 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया गया था।
इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ केस चल रहा है। आरोपियों में लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर द्विवेदी शामिल हैं।
अप्रैल 2017 में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी सात आरोपियों को जमानत दे दी। इस दौरान प्रज्ञा को 5 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि साध्वी के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि साध्वी प्रज्ञा एक महिला हैं और आठ साल से अधिक समय से जेल में हैं। उसे स्तन कैंसर है और वह कमजोर हो गई है, बिना सहारे के चलने में भी असमर्थ है।