
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव और RSS की बैठक के कारण निर्णय लेने में देरी
BJP National President Election 2025: भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए हमें अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव की धीमी गति और 21-23 मार्च को बेंगलुरु में होने वाली संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के कारण प्रक्रिया अप्रैल तक टलनी पड़ सकती है।
इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि 14 मार्च (होली) के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी के 3 मुख्य कारण
राज्य अध्यक्षों के चुनाव में देरी: आधे से अधिक राज्यों में राज्य अध्यक्षों के चुनाव में देरी। यह जरूरी है, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया सिर्फ 12 राज्यों में ही पूरी हो पाई है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों को भेजने और चुनाव कराने की तारीख तय करने में 10-12 दिन लग सकते हैं। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें करीब 12-15 दिन का समय लगेगा।
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आरएसएस की बैठक में देरी के कारण 24 मार्च तक अंतिम निर्णय संभव है। भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में देरी के कारणों में से एक आरएसएस की बैठक है। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और संगठन महासचिव बी एल संतोष सहित 1,500 से अधिक प्रतिनिधि बेंगलुरु में बैठक में उपस्थित होंगे। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी 17 से 24 मार्च तक बेंगलुरु में रहेंगे, जिसके चलते नए अध्यक्ष पर अंतिम फैसला लेने के लिए भाजपा नेतृत्व को 24 मार्च तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
नाव को हिंदू पहचान से जोड़ना चाहती है BJP
BJP National President Election 2025: हिंदू नववर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल में हुई घोषणा को ध्यान में रखते हुए बीजेपी नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को हिंदू पहचान से जोड़ना चाहती है. इसलिए माना जा रहा है कि यह घोषणा 30 मार्च से शुरू होने वाले हिंदू नववर्ष के बाद की जा सकती है। ऐसे में पार्टी हिंदू नववर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल में जनवरी की जगह पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराने की योजना बना रही है।